Vladimir Zorykin: आधुनिक टेलीविजन के जनक व्लादिमीर जोरिकिन का जन्म 30 जुलाई 1889 को म्यूरोम, मास्को (रूस) में हुआ था। वे सात भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके पिता एक धनी व्यापारी थे, जिनका व्यवसाय नावों के बेड़े के माध्यम से ओका नदी पर चलता था। By Lotpot 16 Nov 2024 in Lotpot Personality New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Vladimir Zorykin- व्लादिमीर जोरिकिन का जन्म 30 जुलाई 1889 को म्यूरोम, मास्को (रूस) में हुआ था। वे सात भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके पिता एक धनी व्यापारी थे, जिनका व्यवसाय नावों के बेड़े के माध्यम से ओका नदी पर चलता था। अक्सर व्यस्त रहने वाले पिता की अनुपस्थिति में, उनकी माँ एलाना ही घर और बच्चों की देखभाल किया करती थीं। बचपन से ही व्लादिमीर तकनीकी चीजों में गहरी रुचि रखते थे। 9 वर्ष की उम्र से ही वे गर्मी की छुट्टियाँ नाव पर बिताते थे और जब भी नाव में लगे इलेक्ट्रिकल उपकरणों में कोई समस्या आती, तो वे उसे ठीक करने में जुट जाते थे। यही उनकी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की नींव बनी। शिक्षा और प्रारंभिक करियर: अपनी प्रारंभिक शिक्षा रूस में पूरी करने के बाद, व्लादिमीर जोरिकिन ने फ्रांस से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। वहाँ से पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) चले गए। वहाँ उन्होंने रेडियो कॉर्पोरेशन ऑफ अमेरिका (RCA) में काम करना शुरू किया। यही से उनका टेलीविजन तकनीक में योगदान आरंभ हुआ। उन्होंने अपने इलेक्ट्रिकल और तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके नए-नए उपकरणों का आविष्कार किया। काइनेस्कोप और आइकॉनस्कोप: व्लादिमीर जोरिकिन का सबसे प्रमुख आविष्कार काइनेस्कोप था, जो एक प्रकार की कैथोड रे ट्यूब थी। इसे टेलीविजन रिसीवर के रूप में प्रदर्शित किया गया। यह तकनीक बाद में मॉडर्न पिक्चर ट्यूब का आधार बनी, जिससे हमें आज का टेलीविजन देखने को मिलता है। इसके बाद, उन्होंने आइकॉनस्कोप का आविष्कार किया, जो एक इलेक्ट्रॉन स्कैनिंग ट्यूब थी। यह ट्यूब टेलीविजन ट्रांसमिशन के लिए प्रयोग की जाती थी और इसका उपयोग कैमरे में भी किया जाता था। आइकॉनस्कोप का आविष्कार टेलीविजन कैमरा तकनीक में एक क्रांतिकारी कदम था, जिसने टेलीविजन की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया। टेलीविजन के जनक: हालांकि टेलीविजन के आविष्कार में कई वैज्ञानिकों का योगदान रहा है, लेकिन व्लादिमीर जोरिकिन को "फादर ऑफ टेलीविजन" के नाम से जाना जाता है। उनका सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने कैथोड रे ट्यूब और इलेक्ट्रॉन स्कैनिंग तकनीक का विकास किया, जिसने आधुनिक टेलीविजन के निर्माण की नींव रखी। उनके आविष्कारों ने टेलीविजन प्रसारण और तस्वीर की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार किया। विज्ञान में योगदान और सम्मान: व्लादिमीर जोरिकिन के काम को उनकी मृत्यु के बाद भी सराहा गया। उनके आविष्कारों ने टेलीविजन तकनीक को एक नई दिशा दी और मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी। उन्होंने अपने करियर में दर्जनों पेटेंट हासिल किए और उनकी खोजों ने इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मानक स्थापित किए। 1967 में, उन्हें नैशनल एकेडमी ऑफ टेलीविज़न आर्ट्स एंड साइंसेज द्वारा "लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड" से सम्मानित किया गया। रोचक तथ्य: व्लादिमीर जोरिकिन ने अपने जीवन में 60 से अधिक पेटेंट हासिल किए, जो सभी इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीविजन तकनीक से संबंधित थे। जोरिकिन का आइकॉनस्कोप दुनिया का पहला व्यावसायिक टेलीविजन कैमरा ट्यूब था, जिसने प्रसारण की गुणवत्ता में सुधार किया। जोरिकिन के आविष्कारों का उपयोग केवल टेलीविजन में ही नहीं, बल्कि रेडियो, कैमरा और सुरक्षा उपकरणों में भी किया गया। व्लादिमीर का सपना था कि हर घर में टेलीविजन हो, ताकि लोग दुनिया भर की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकें। व्लादिमीर जोरिकिन की कहानी एक साधारण परिवार से उठकर वैज्ञानिक उत्कृष्टता तक पहुंचने की प्रेरणादायक कहानी है। उनके आविष्कारों ने न केवल टेलीविजन को, बल्कि पूरी मनोरंजन और प्रसारण उद्योग को एक नई दिशा दी। आज हम जिस टेलीविजन का आनंद लेते हैं, उसकी नींव व्लादिमीर जोरिकिन जैसे महान वैज्ञानिकों ने रखी है। हमें उनके योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। और पढ़ें : Amit Shah: भारतीय राजनीति के कुशल नेता Pandurang Shastri Athawale: एक प्रेरणादायक दार्शनिक और समाज सुधारक Anil Kumble: भारत के 'जंबो' का सफर और क्रिकेट में उनका योगदान Milkha Singh: साहस, संघर्ष और सफलता का संगम You May Also like Read the Next Article