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World Boxing Cup 2025: प्रीति पवार ने जीता स्वर्ण, भारतीय महिला मुक्केबाज़ी में नई चमक

World Boxing Cup 2025- भारत की युवा मुक्केबाज़ प्रीति पवार ने 2025 के World Boxing Cup Finals में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया।

By Lotpot
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World Boxing Cup 2025- भारत की युवा मुक्केबाज़ प्रीति पवार ने 2025 के World Boxing Cup Finals में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया। महिलाओं की 54 किलोग्राम भार वर्ग में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि भारत की नई पीढ़ी की महिला बॉक्सिंग कितनी मज़बूत और प्रतिभाशाली है। यह मुकाबला न केवल उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ, बल्कि भारतीय बॉक्सिंग के भविष्य के लिए भी उम्मीद की नई किरण लेकर आया।

इस टूर्नामेंट का सबसे अहम पल वह था जब प्रीति ने सेमीफाइनल में ताइवान की मशहूर मुक्केबाज़ Huang Hsiao-Wen को मात दी। यह वही खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता है और जिन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिना जाता है। Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, यह मुकाबला बेहद कठिन था, लेकिन प्रीति ने लगातार आक्रामक खेल दिखाते हुए जीत हासिल की। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जीत उनके करियर की सबसे बड़ी जीतों में से एक है, क्योंकि ओलंपिक पदक विजेता को हराना किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए बड़ी उपलब्धि होती है।

फाइनल में पहुँचने के बाद प्रीति पवार ने अपना आत्मविश्वास बरकरार रखा और शानदार रणनीति के साथ मुकाबला जीतते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया। Times of India की खबर के मुताबिक, प्रीति के साथ ही भारतीय महिला टीम की अन्य बॉक्सर— मीनाक्षी हूडा, अरुंधति चौधरी और नूपुर श्योराण— ने भी स्वर्ण पदक जीते, जिससे भारत ने कुल चार गोल्ड मेडल अपने नाम किए। यह भारतीय महिला मुक्केबाज़ी के इतिहास में एक यादगार क्षण बन गया।

ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले कुछ महीनों में प्रीति कई चुनौतियों से गुज़री थीं। चोट और बीमारी के कारण उन्हें कुछ महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं से बाहर रहना पड़ा। New Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीति ने अपनी वापसी को आसान नहीं कहा, लेकिन कड़ी मेहनत, अनुशासन और मानसिक मजबूती ने उन्हें फिर से शीर्ष पर पहुँचाया। कोचिंग स्टाफ भी उनकी प्रतिबद्धता से बेहद प्रभावित है।

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प्रीति पवार का यह स्वर्ण पदक भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। एक ओर यह दिखाता है कि भारत की युवा महिला मुक्केबाज़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार मजबूत हो रही है, वहीं दूसरी ओर यह नए खिलाड़ियों को प्रेरित करता है कि कड़ी मेहनत और निरंतर अभ्यास से कुछ भी संभव है।

देशभर में लोग सोशल मीडिया पर प्रीति को बधाइयाँ दे रहे हैं। खेल मंत्रालय और भारतीय बॉक्सिंग महासंघ ने भी उनकी इस उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रीति जैसी युवा एथलीट्स आने वाले समय में भारत को कई अंतरराष्ट्रीय पदक दिला सकती हैं।

भारतीय बॉक्सिंग में यह सुनहरा सफर अभी शुरू हुआ है। प्रीति पवार की यह जीत उनके करियर को नई दिशा देगी और आने वाले एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों के लिए उन्हें अतिरिक्त आत्मविश्वास भी देगी। देश उम्मीद कर रहा है कि आने वाले समय में प्रीति ओलंपिक पदक की दावेदारों में शामिल होंगी।

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