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अंतरिक्ष में भारत की नई छलांग
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS mission) मिशन के लिए भारतीय वायु सेना के दो अनुभवी पायलटों को चुना है। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को मुख्य मिशन पायलट और प्रसंथ बालकृष्णन नायर को बैकअप मिशन पायलट के रूप में नियुक्त किया गया है। यह मिशन Axiom-4 के तहत होगा, जो NASA, Axiom Space, और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
मिशन की खासियत
Axiom-4 मिशन एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जो ISS पर वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रयोगों को संचालित करेगा। इस मिशन में कुल चार अंतरिक्ष यात्री हिस्सा लेंगे, जो अंतरिक्ष में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों को अंजाम देंगे। मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में किए गए प्रयोगों से महत्वपूर्ण जानकारी और अनुभव प्राप्त करना है, जो भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
भारतीय पायलटों का चयन और ट्रेनिंग
मुख्य पायलट के रूप में चुने गए शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के एक वरिष्ठ टेस्ट पायलट हैं, जबकि बैकअप पायलट प्रसंथ नायर भी वायु सेना से जुड़े हैं और इस चुनौतीपूर्ण मिशन के लिए तैयार किए गए हैं। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
ट्रेनिंग और भविष्य की उम्मीदें
मिशन के तहत सभी अंतरिक्ष यात्री अगस्त 2024 से ह्यूस्टन, अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह ट्रेनिंग उन्हें ISS के वातावरण और वहां किए जाने वाले कार्यों के लिए तैयार करेगी। भारत के लिए यह मिशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय मिशनों का हिस्सा बनेंगे और देश की अंतरिक्ष क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
यह मिशन न केवल भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को गति देगा, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार करेगा।
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