प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए की शक्ति पर चर्चा की

बर्लिन के होटल अड्लोन  केम्पिंस्कि में इंडियन कम्युनिटी इंतज़ार कर रहे थे हमारे भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) का और जैसे ही मोदी जी अपने तीन दिवसीय यूरोप यात्रा के प्रथम चरण के दौरान बर्लिन के होटल अड्लोन  केम्पिंस्कि पहुंचे तो वहाँ उपस्थित सारे प्रवासी भारतीयों का चेहरा खिल उठा और सबने उनका जोरदार स्वागत किया। बच्चे बूढे जवान सभी, 'भारत माता की जय, वंदे मातरम', और मोदी है तो मुमकिन है' के नारे लगाने लगे।

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PM Narendra Modi discusses the power of New India

बर्लिन के होटल अड्लोन  केम्पिंस्कि में इंडियन कम्युनिटी इंतज़ार कर रहे थे हमारे भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) का और जैसे ही मोदी जी अपने तीन दिवसीय यूरोप यात्रा के प्रथम चरण के दौरान बर्लिन के होटल अड्लोन  केम्पिंस्कि पहुंचे तो वहाँ उपस्थित सारे प्रवासी भारतीयों का चेहरा खिल उठा और सबने उनका जोरदार स्वागत किया। बच्चे बूढे जवान सभी, 'भारत माता की जय, वंदे मातरम', और मोदी है तो मुमकिन है' के नारे लगाने लगे।

मुस्कराते हुए मोदी जी ने सबका अभिवादन करते हुए जो कहा, प्रस्तुत है उसके मुख्य अंश। मोदी जी ने कहा, "यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे मां भारती की संतानो से आज जर्मनी में आकर मिलने का अवसर मिला है, आज सुबह मैं बहुत हैरान था कि यहां इतनी ठंड है लेकिन कई छोटे-छोटे बच्चे भी सुबह 4:30 बजे आ गए हैं आपका यह प्यार और आपका आशीर्वाद मेरी बहुत बड़ी ताकत है।

इक्कीसवीं सदी हम भारतीयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज का भारत मन बनाकर, संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है और जब किसी देश का मन बन जाता है तो वह देश नए रास्तों पर भी चलता है और मनचाही मंजिलों को प्राप्त करके भी दिखाता है। आज का आकांक्षी और युवा भारत, देश का विकास चाहता है। इस साल हम आजादी के 75 वाँ वर्ष मना रहे हैं। मैं देश का पहला ऐसा प्रधानमंत्री हूँ जो आजाद हिन्दुस्तान में पैदा हुआ हूँ। हम सब जब अपनी आजादी के सौवां वर्ष मनाएंगे तो उस समय देश जिस ऊंचाई पर होगा, उस लक्ष्य को लेकर आज हिंदुस्तान मजबूती के साथ, तेजी से आगे बढ़ रहा है।

PM Narendra Modi discusses the power of New India

हम सुधार करते हुए देश को ट्रांसफॉर्म कर रहे हैं। देश तब आगे बढ़ता है जब देशवासी उसके विकास का नेतृत्व करें और उसकी दिशा तय करे। नया भारत अब सिर्फ सुरक्षित भविष्य की नहीं सोचता, बल्कि रिस्क लेता है, इनोवेट करता है। 2014 के आसपास हमारे देश में सिर्फ 200-400 स्टार्टअप्स हुआ करते थे, आज 68 हजार से अधिक स्टार्टअप्स है, दर्जनों यूनिकॉर्न्स है, इक्कीसवीं सदी के इस तीसरे दशक में, इंडिया इज़ गोइंग ग्लोबल। कोरोना काल में भारत ने 150 से ज्यादा देशों को दवाइयाँ भेजकर बहुतों की जान बचाई है।

विश्व में आज गेहूँ की भारी कमी है, ऐसे में, भारत का किसान दुनिया का पेट भरने के लिए आगे आ रहे हैं। जब भी मानवता के सामने कोई संकट आता है, तो भारत समाधान के साथ सामने आता है। यही नया भारत है, यही नए भारत की शक्ति है। अब जब भी कोई किसी को एक रुपया भेजता है तो वो सीधा उसके खाते में पूरा का पूरा पहुंचता है।