संजय की खुशी का ठिकाना न था। वह आठवीं कक्षा की परीक्षा में प्रथम आया था। खेल कूद में भी उसे कई पुरस्कार मिले थे। स्कूल के हेडमास्टर साहब सक्सेना जी ने, पूरे स्कूल के सामने संजय की प्रशंसा की थी। पुरस्कार हाथ में लिए संजय सोच रहा था कि जब वह घर जाकर अपनी सफलता के बारे में अपने पिता जी को बताएगा तब वे कितने खुश होंगे।
2Dec2020