E Comics: पपीता राम और महा-दावत: जब भूख ने बदल दी सारी चाल!
क्या आपको कभी इतनी तेज़ भूख लगी है कि आपको लगा हो कि बस अब खाना मिल जाए तो कुछ भी कर गुज़रेंगे? क्या आपने कभी सोचा है कि भूख लगने पर हमारे दिमाग में क्या-क्या चलता है?
क्या आपको कभी इतनी तेज़ भूख लगी है कि आपको लगा हो कि बस अब खाना मिल जाए तो कुछ भी कर गुज़रेंगे? क्या आपने कभी सोचा है कि भूख लगने पर हमारे दिमाग में क्या-क्या चलता है?
अरे वाह! मज़ेदार ख़बर आ रही है मायापुरी से! हमारे प्यारे, समोसे-प्रेमी मोटू और उसके अकलमंद दोस्त पतलू एक बार फिर एक ऐसे ख़तरे में कूद पड़े हैं, जिसका कनेक्शन है सीधे एक लाख डॉलर के भारी-भरकम इनाम से!
क्या आपने कभी सोचा है कि आपका सबसे अच्छा दोस्त ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाए? हमारी इस कहानी में नीटू और उसके रोबो दोस्त के साथ कुछ ऐसा ही होने वाला है।
बच्चों, क्या आपने कभी भूख लगने पर सिर्फ़ कल्पना में खाना खाया है? या फिर किसी दोस्त से कुछ वादा किया हो, और बाद में पता चले कि वह तो सिर्फ़ एक मज़ाक था?
नमस्ते बच्चों! क्या आपने कभी सोचा है कि जब मोटू और पतलू, जो हमेशा अपनी हरक़तों से मुसीबत मोल लेते हैं, एक धार्मिक जागरण करने का फ़ैसला करें तो क्या होगा?
नीटू एक नटखट और जिज्ञासु बच्चा था। उसकी दुनिया हमेशा रोमांच और शरारत से भरी रहती थी। एक दिन अचानक उसे अजीब-सी आवाज़ सुनाई दी। कान बजने लगे तो नीटू को लगा कि शायद उसे भ्रम हो रहा है।
पपीताराम और नेकी का फल : कहानी की शुरुआत होती है पपीता राम से, जो डॉक्टर अंकल से मिलने क्लिनिक जाता है। डॉक्टर मरीजों को देखने में व्यस्त होते हैं, तो पपीता राम बाहर बेंच पर बैठ जाता है। उसके पास ही लगभग आठ साल का एक बच्चा बैठा है।