बाल कहानी : नये साल की कसम
लोमड़ मामा डींग हाँकने में सबसे आगे था। कहीं कोई बात निकलती तो वह कहता। इसमें बड़ी बात क्या है? यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। कभी कहता, मैंने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिये। तो कभी बोलता, डाकुओं से ऐसी मुठभेड़ हुई कि वे दुम दबाकर भाग खड़े हुए। कभी शेर को नीचा दिखाने की बात बताता तो कभी साँप को टुकड़े-टुकड़े करने की कहानी सुनाता। एक दिन लोमड़ मामा ‘खरगोश बस्ती’ में पहुँच कर अपनी डींग हाँकने लगा। उसकी डीगं सुनकर सब तंग आ चुके थे। तब खनकू और मनकू नामक खरगोशों ने सोचा कि अब लोमड़ मामा की पोल खोल देने में ही सबका भला है।