Shri Kashi Vishwanath Temple की यात्रा कैसे करें और कब करें? श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Temple), वाराणसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। By Lotpot 05 Sep 2024 in Travel New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 श्री काशी विश्वनाथ मंदिर यात्रा गाइड: इतिहास, यात्रा की जानकारी और महत्व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Temple), वाराणसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर हिन्दू धर्म में आस्था और विश्वास का प्रतीक है, जो प्राचीन काल से ही श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि इस ऐतिहासिक मंदिर की यात्रा कैसे की जा सकती है, कब यहां जाना सबसे अच्छा होता है, और यहां की यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। कैसे पहुंचे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर(Shri Kashi Vishwanath Temple)? 1. हवाई मार्ग: वाराणसी का निकटतम हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आप टैक्सी या बस लेकर सीधे मंदिर तक पहुंच सकते हैं। 2. रेल मार्ग: वाराणसी रेलवे स्टेशन (कैंट) और मंडुआडीह रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 5-6 किलोमीटर है। यहां से रिक्शा, ऑटो या टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं जो आपको मंदिर तक पहुंचा सकते हैं। 3. सड़क मार्ग: वाराणसी सड़क मार्ग से भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप अपनी निजी कार, टैक्सी या बस का उपयोग करके यहां तक पहुँच सकते हैं। शहर के अंदर मंदिर तक पहुंचने के लिए ऑटो-रिक्शा और साइकिल रिक्शा भी एक सुलभ विकल्प हैं। कब जाएं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर? 1. अवसर और मौसम: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों (अक्टूबर से मार्च) के महीनों में होता है जब मौसम ठंडा और सुहावना रहता है। इस समय यात्रा करने से आपको भीड़ से बचने और आराम से दर्शन करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, महाशिवरात्रि का पर्व और सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ रहती है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। 2. मंदिर दर्शन के समय: मंदिर प्रतिदिन सुबह 3 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है। विशेष पूजा और आरती के लिए आपको पहले से बुकिंग करानी पड़ सकती है। काशी विश्वनाथ मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व धार्मिक महत्व:भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग, विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान शिव स्वयं अपने भक्तों के कानों में तारक मंत्र देते हैं, जो मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है। इसके कारण काशी को "मोक्ष नगरी" भी कहा जाता है। इतिहास:श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास 1000 साल से भी पुराना है। इस मंदिर का निर्माण कई बार हुआ और इसे मुगल काल में विध्वंस का सामना भी करना पड़ा। इसका वर्तमान ढांचा 18वीं शताब्दी में मराठा महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनाया गया था। मंदिर की स्वर्ण शिखर को 1835 में पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह द्वारा सोने से ढंका गया था। यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें ड्रेस कोड:मंदिर में पारंपरिक भारतीय परिधान पहनने की सलाह दी जाती है। महिलाओं के लिए साड़ी या सूट और पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता या अन्य शिष्ट परिधान उपयुक्त माने जाते हैं। सुरक्षा:मंदिर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होती है। श्रद्धालुओं को अंदर जाने से पहले सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है। मोबाइल फोन, कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होती। विशेष दर्शन और आरती:काशी विश्वनाथ मंदिर में कई प्रकार की विशेष पूजा और आरती होती हैं। इनमें से प्रातःकालीन मंगल आरती और सायंकालीन शृंगार आरती प्रमुख हैं। इन आरतियों के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां की यात्रा जीवन में एक अद्वितीय अनुभव देती है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और मोक्ष प्राप्ति की अनुभूति होती है। यदि आप जीवन में एक बार काशी जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह मंदिर आपके लिए एक अविस्मरणीय धार्मिक यात्रा साबित हो सकता है। यहाँ भी जाएँ:- मदुरै: तमिलनाडु का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक हृदय वैशाली: बिहार के हृदय में स्थित एक ऐतिहासिक शहर ट्रैवल: रॉक गार्डन चंडीगढ़ Travel: प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता का मिश्रण है वर्कला #Best Travelling Place #best indian travel vlogs #Travel #Best Travel Idea #Shri Kashi Vishwanath Temple You May Also like Read the Next Article