जामा मस्जिद: एक ऐतिहासिक धरोहर की झलक जामा मस्जिद, भारत की सबसे बड़ी और भव्य मस्जिदों में से एक, पुरानी दिल्ली के केंद्र में स्थित है। इसे 1656 में मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाया गया था। यह मस्जिद न केवल धार्मिक प्रार्थनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है By Lotpot 25 Nov 2024 in Travel New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 जामा मस्जिद: एक ऐतिहासिक धरोहर की झलक : जामा मस्जिद, भारत की सबसे बड़ी और भव्य मस्जिदों में से एक, पुरानी दिल्ली के केंद्र में स्थित है। इसे 1656 में मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाया गया था। यह मस्जिद न केवल धार्मिक प्रार्थनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है बल्कि मुगलकालीन वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण भी है। यह मस्जिद 25,000 से अधिक उपासकों को अपने विशाल आंगन में समेट सकती है और इसे "शुक्रवार की मस्जिद" के नाम से भी जाना जाता है। जामा मस्जिद का इतिहास और निर्माण जामा मस्जिद का निर्माण कार्य 1644 में शुरू हुआ था और इसे बनने में 12 साल लगे। इसे बनाने में लगभग 1 मिलियन रुपये की लागत आई थी। 5,000 कारीगरों की मेहनत से इस भव्य मस्जिद का निर्माण हुआ, जिसमें लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया। मस्जिद का मुख्य उद्देश्य राजा और आम जनता को एक पवित्र स्थान प्रदान करना था। शुरुआत में, तीन मुख्य द्वार बनाए गए थे: उत्तर द्वार: रॉयल्स के लिए। दक्षिण द्वार: आम जनता के लिए। पूर्व द्वार: सम्राट शाहजहां के लिए विशेष। 1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश इसे नष्ट करना चाहते थे, लेकिन इसे बचा लिया गया। आज, यह मस्जिद न केवल धार्मिक केंद्र है बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। जामा मस्जिद की अद्भुत वास्तुकला यह मस्जिद 30 सीढ़ियों की ऊंचाई पर स्थित है, जिससे इसे दूर से देखा जा सकता है। इसकी वास्तुकला भारतीय, फारसी और तिमुरी शैली का मिश्रण है। मस्जिद की प्रमुख विशेषताएं हैं: तीन संगमरमर के गुंबद। दो ऊंचे मीनार, जिनकी ऊंचाई 40 मीटर है। तीन मेहराबदार प्रवेश द्वार। चार छोटे टावर। 900 से अधिक प्रार्थना स्थल। प्रार्थना कक्ष में 18,000 वर्ग फुट का विशाल क्षेत्र है। यहां एक खूबसूरत मेहराब और शिल्पकारी से सजी छत है। मुख्य आंगन में एक संगमरमर का टैंक भी है, जो वजू (धार्मिक शुद्धि) के लिए उपयोग होता है। जामा मस्जिद में प्रार्थना का अनुभव मस्जिद का मुख Mecca (मक्का) की ओर है, जो इसे इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र बनाता है। मुख्य आंगन में एक बार में हजारों लोग प्रार्थना कर सकते हैं। हालांकि, गैर-मुस्लिम आगंतुकों को प्रार्थना के समय के अलावा मस्जिद में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। यात्रा के लिए ज़रूरी बातें समय और प्रवेश: मस्जिद हर दिन खुली रहती है। प्रवेश समय: सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे और 1:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक। प्रार्थना के दौरान प्रवेश केवल मुस्लिम उपासकों के लिए होता है। पोशाक का ध्यान रखें: प्रवेश के लिए सिर, कंधे और पैर ढके होने चाहिए। मस्जिद परिसर में उचित कपड़े किराए पर लिए जा सकते हैं। फोटोग्राफी: मस्जिद परिसर में तस्वीरें लेने की अनुमति है, लेकिन इसके लिए एक मामूली शुल्क देना होता है। कैसे पहुंचें: निकटतम मेट्रो स्टेशन: चावड़ी बाजार। साइकिल रिक्शा और ऑटो रिक्शा से आसानी से पहुंचा जा सकता है। रोचक तथ्य: जामा मस्जिद में 25,000 से अधिक लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं। इसका मुख्य प्रवेश द्वार पूर्व की ओर है, जिसे कभी शाहजहां के विशेष उपयोग के लिए रखा गया था। मस्जिद के मीनारों पर चढ़ने के लिए टिकट लेना होता है, जहां से पुरानी दिल्ली का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। जामा मस्जिद केवल एक प्रार्थना स्थल नहीं है, यह भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का एक जीवंत प्रतीक है। यहां की भव्यता, शांति और धार्मिक महत्व हर उम्र के लोगों को आकर्षित करते हैं। अगर आप पुरानी दिल्ली की यात्रा कर रहे हैं, तो जामा मस्जिद को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। सारांश: दिल्ली के केंद्र में स्थित जामा मस्जिद भारत की सबसे भव्य मस्जिदों में से एक है। मुगल वास्तुकला का यह चमत्कार प्रार्थना और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। और पढ़ें : Munnar Travel : चाय बागानों की जादुई दुनिया में खो जाने का सफर Kalimpong Travel : एक अद्भुत यात्रा का अनुभव Bibi Ka Maqbara: छोटा ताजमहल औरंगाबाद की सुंदरता Bharatpur Travel: राजस्थान का पक्षी स्वर्ग और ऐतिहासिक धरोहर #best indian travel vlogs #Best Travelling Place #Best Travel Place #Best Travel Idea You May Also like Read the Next Article