अप्रैल में गर्मी से राहत चाहिए? तो तवांग और धर्मशाला आपका इंतजार कर रहे हैं
प्यारे दोस्तों, महान लेखक और विचारक राहुल सांकृत्यायन ने कहा था: "घुमक्कड़ी से बड़ा कोई धर्म नहीं है।" और ये बात आज भी उतनी ही सटीक बैठती है जितनी तब थी। घूमना सिर्फ नई जगहें देखना नहीं होता, ये संस्कृति, प्रकृति और खुद के भीतर की यात्रा भी होती है।