सिर्फ दादा दादी डे पर ही नहीं हमें तो उनकी जरूरत एवरी डे है By Lotpot 13 Sep 2022 in Positive News New Update आज दादा दादी डे है लेकिन सच पूछो तो दादा दादी और नाना नानी हमारे जीवन में एवरी डे की जरूरत है। ये सही है कि माता पिता हमें बहुत प्यार करते हैं और हमारी सारी जरुरतों को पूरा करते हुए हमें पढ़ा लिखा कर अच्छा इंसान बनाते हैं लेकिन जो लाड़, आनंद और मज़ा हमारे दादा दादी, नाना नानी हमें देतें हैं वो कोई भी नहीं दे सकते है। ठंड के मौसम में दादा दादी, नाना, नानी की गोद में दुबक कर उनके हाथों से तोड़ी मूंगफली, गजक खाने का जो मज़ा है और गर्मी की दोपहर में दादी, नानी की हाथों से बनी लस्सी, आम पना, खस और नींबू के शर्बत में जो ठंडक है वो हॉट डॉग, बर्गर या फिर आइस क्रीम पार्लर से खरीदी या ऑनलाइन मँगवाई आइस क्रीम में कहाँ? दादा दादी और नाना नानी हमारे परिवार के सबसे बडे और महत्त्वपूर्ण सदस्य हैं। मम्मी किचन में, या ऑफिस में या घर के हजारों कामों में व्यस्त रहती हैं, पापा को ऑफिस का बहुत काम रहता है, ऐसे में दादा दादी और नाना नानी ही वो अपने है जो हमें गोद में लेकर या पास बिठाकर हमसे हमारे दिन भर की कहानियां या घटनाएं बड़े चाव से सुनते हैं। कोई जिद हो, कोई हठ हो, कोई ईच्छा हो, हमारे माता पिता पूरा कर पाएं या नहीं कर पाएं, हमारे दादा दादी, नाना नानी, अपनी हैसियत के अनुसार पूरा करने की पूरी कोशिश करते हैं और अगर उनसे ना हो पाए तो कम से कम मम्मी पापा को समझा बुझा कर उन्हीं से हमारी इच्छायें पूरी करने में मदद करते हैं। स्कूल छोड़ने जाना हो, स्कूल से वापस लाना हो या ट्यूशन क्लास में पहुंचाना या वहां से ले आना हो, या फिर किसी भी एक्स्ट्रा कैरिकुलर क्लास में दाखिला करवाना हो, हमारे दादा, दादी, नाना, नानी खुशी खुशी ये काम करके हमारे माता पिता को निश्चिंत कर देते हैं। कभी टीचर ने आपके खिलाफ उनसे कोई शिकायत की हो, या किसी दोस्त के साथ आपका झगड़ा हुआ हो तो दादा, दादी नाना नानी, कुछ इस तरह से उसे निपटा देते हैं कि आपको मम्मी पापा से डांट नहीं खानी पड़ती। किसी के पास वक्त हो या ना हो, दादा दादी नाना नानी के पास पोते पोतियों, नाती नातिन के लिए भरपूर वक़्त जरूर होता है। बच्चों को कहानियां सुनाने से लेकर, उन्हें नहलाने धुलाने, सजाने संवारने और उन्हें घुमाने ले जाने की जिम्मेदारी हमारे दादा, दादी, नाना, नानी सहर्ष करते हैं और खेल खेल में हमें जीवन की जो गहरी पाठ पढ़ा देतें है, जो अच्छे संस्कार हमारे अंदर पिरो देतें हैं, उसका एहसास हमें तब होता है जब वे हमारे पास नहीं होते। उनके द्वारा कही कहानियों में बहुत ज्ञान, सीख तथा जीवन को सफ़लता से जीने के संदेश छुपे होते हैं। दादा और नाना जहां हमें देश दुनिया की अजब गजब घटनाएं बताते हैं, अखबार पढ़ना सिखाते हैं वहीं दादी, नानी हमें घर गृहस्थी की बातों के साथ साथ हमें शालीनता और सभ्यता तथा समाज में उठने बैठने का शऊर, सिलाई कढाई, पूजा पाठ, ईश्वर की बातेँ सिखाते हैं। बच्चे कई बार अपने दिल की बातें, सिर्फ दादा दादी, नाना नानी से ही शेयर कर पातें है। आज के आधुनिक युग में, छोटे एकल परिवार होने के कारण कई बार हमारे दादा दादी, नाना नानी से हम दूर हो जाते हैं, जो बहुत दुखद है। हम सबको चाहिए कि हम अपने घर के इन प्यारे बुजुर्गों को खूब मान, सम्मान और प्यार के साथ अपने साथ रखे और फिर देखिए कैसे आपको अपने घर में ही दुनिया भर की खुशियां मिल जाती है। ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ #Grandparents Day You May Also like Read the Next Article