क्या है 'AI'? जिसे आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस कहते हैं? अर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर और अन्य मशीनों को मानवों के तरीके से सोचने, फ़ैसले लेने और सीखने की शक्ति प्रदान करती है। यह विज्ञान की एक शाखा है। By Lotpot 10 Oct 2023 | Updated On 12 Oct 2023 16:23 IST in Interesting Facts New Update अर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर और अन्य मशीनों को मानवों के तरीके से सोचने, फ़ैसले लेने और सीखने की शक्ति प्रदान करती है। यह विज्ञान की एक शाखा है। अर्टिफिशल इंटेलिजेंस या एआई वह तकनीक है जो कम्प्यूटर और अन्य मशीनों को मानवों के समान सोचने, फ़ैसले लेने और सीखने की शक्ति देती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इतिहास बहुत पेचीदा और पुराना इतिहास है, जो प्राचीन काल से चलता आ रहा है। गणित और दर्शन में इसकी जड़ें जुड़ी हुई है।इसकी शुरुआत इस बात से हुई थी कि वैज्ञानिकों ने सोचा कि क्या वे कम्प्यूटर को मानवों के समान सोचने, सीखने और समस्याओं का हल निकालने की शक्ति दें सकते हैं? सदियों से, AI सरल एल्गोरिदम और यांत्रिक उपकरणों से रिफाइंड कंप्यूटर सिस्टम में विकसित हुआ है। एआई का पहला उपयोग प्राचीन ग्रीस में हुआ था, जब दार्शनिक अरस्तू ने ऑटोमेटा, या स्व-संचालन मशीनों के बारे में लिखा था। इन मशीनों को मानव व्यवहार की नकल करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जैसे कि संगीत बजाना, मशीन लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग कोग्निटिव साइंस, बेसिक गिनती करना वगैरह। लगभग उसी समय, चीनी वैज्ञानिकों ने भी गणित के समस्याओं को हल करने के लिए आर्टीफ़िशियल यांत्रिक उपकरणों का उपयोग करना शुरू किया था। 19वीं शताब्दी में, एआई (आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस) ने भाप इंजन के आविष्कार के साथ मशीनी इंटेलिजेंस के मैदान में एक विशाल छलांग लगाई। इस तरह और अधिक जटिल मशीनों का विकास होने लगा, जिन्हें विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए प्रोग्राम किया जाने लगा। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में, पहले कंप्यूटर विकसित किए गए और उनके साथ ही रिफाइंड यानी आधुनिक एआई बनाने की दिशा में पहल शुरू हुआ था। एआई (आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस) में पहली महत्वपूर्ण सफलता 1956 में आई, जब पहला एआई प्रोग्राम, जिसे जनरल प्रॉब्लम सॉल्वर कहा जाता है, एलन नेवेल और हर्बर्ट साइमन द्वारा विकसित किया गया था। यह कार्यक्रम शतरंज से लेकर गणितीय हलों तक कई प्रकार की समस्याओं को हल करने में सक्षम था। इस सफलता ने एआई के आधुनिक युग की शुरुआत को रेखांकित किया। 1940 के दशक में, इंग्लैंड में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मैनचेस्टर बेबी नामक पहली कृत्रिम मशीन बनाई। इस मशीन में एक खास प्रकार के गणितीय समस्या को हल करने की क्षमता थी। 1950 में, एलन ट्यूरिंग ने "कम्प्यूटिंग मशीनरी एंड इंटेलिजेंस" पर एक लेख प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि मशीनों को बुद्धिमान माना जा सकता है यदि वे मुश्किल प्रश्नों का सही उत्तर देने, भाषा को समझने और निर्णय लेने में सक्षम हों। इस सोच ने आधुनिक एआई के विकास की नींव रखी। 1960 के दशक में, कंप्यूटर वैज्ञानिक जॉन मैकार्थी ने मशीन द्वारा इंसानी कार्य करने की क्षमता को "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" का नाम दिया। 1970 के दशक में AI प्रोग्रामिंग लैंग्वेज LISP का विकास हुआ। यह भाषा कंप्यूटर शतरंज और प्राकृतिक भाषा प्रोसेसिंग जैसे शुरुआती एआई प्रयोगों में से कुछ के विकास में सहायक थी। 1980 के दशक में विश्व भर के वैज्ञानिकों की एक्सपर्ट प्रणालियों के उदय होने से अचानक एआई में एक क्रांति देखी गई। 1990 के दशक में, एआई के विकास के साथ मशीन लर्निंग पर ध्यान दिया जाने लगा। । इसमें कंप्यूटर मॉडल बनाने के लिए बड़े डेटा सेट का उपयोग करना शामिल था जो भविष्यवाणियां और निर्णय लेने में सक्षम थे। 2000 के दशक की शुरुआत में, AI ने कंज्यूमर क्षेत्र में कदम रखना शुरू किया। इसके साथ ही आवाज पहचानने वाले सॉफ्टवेयर और सिरी तथा एलेक्सा जैसे कई सहायकों का विकास हुआ। आज के वर्तमान युग में, एआई यानी आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस तेजी से हमारे जीवन में एक जरूरत बनती जा रही है। बिना ड्राइवर की गाड़ियां, कारों से लेकर एल्गोरिदम, जो बीमारी के शुरुआती लक्षणों का पता लगा सकते हैं, इस तरह के एआई तेजी से हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन रहा है। आने वाले वर्षों में, एआई के और अधिक स्मार्ट होने और हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में अधिक प्रभाव डालने की उम्मीद है क्योंकि एआई को स्मार्ट और अधिक सक्षम बनाने के तरीके खोजने के लिए अनुसंधान जारी है। निकट भविष्य में एआई हमारे स्वास्थ्य सेवा, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, ब्लॉकचेन और बिग डाटा से संबंधित होते रहेंगे और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और भी बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद है। ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ #Interesting Facts #अर्टिफिशल इंटेलिजेंस You May Also like Read the Next Article