दीया की एक नई पहल और नई आशा स्कूल जाने की बात उठते पर कॉपी किताबों की बात भी उठती है। हम जब स्कूल में दाखिला लेते हैं या अगली कक्षा मे उत्तीर्ण होते हैं तो नई नई कॉपी किताबें खरीदने की उमंग हम सबमें होती है, लेकिन बहुत से बच्चे ऐसे भी होते हैं जो पढ़ना लिखना तो चाहते हैं लेकिन उनके पास नए नोट बुक्स खरीदने के लिए पैसे नहीं होते। By Lotpot 04 Apr 2022 in Stories Positive News New Update स्कूल जाने की बात उठते पर कॉपी किताबों की बात भी उठती है। हम जब स्कूल में दाखिला लेते हैं या अगली कक्षा मे उत्तीर्ण होते हैं तो नई नई कॉपी किताबें खरीदने की उमंग हम सबमें होती है, लेकिन बहुत से बच्चे ऐसे भी होते हैं जो पढ़ना लिखना तो चाहते हैं लेकिन उनके पास नए नोट बुक्स खरीदने के लिए पैसे नहीं होते। तो इस समस्या को दूर करने के प्रयास में बंगलुरु की कनाडीएन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाली एक सत्रह साल की छात्रा दीया ने बहुत अच्छा आइडिया निकाला। उसने अपनी पुरानी कॉपियों में से बचे हुए साफ पन्ने निकाले और उनपर दोबारा जिल्द चढ़ाकर नई कॉपी का रूप दे दिया। फिर आसपास के गवर्नमेंट स्कूल तथा दिव्यांगों के संघ की मदद से गरीब बच्चों में बाँट दिया। दीया ने अपनी सहेलियों और रिश्तेदारों से भी अपील की कि वे अपनी पुरानी कॉपियों के बचे साफ पन्ने उसे लाकर दे दे, ताकि वो ज्यादा से ज्यादा बच्चों को नई कॉपियां बंधवा कर दे सके। इस बारे में दीया कहती हैं, "मेरे ख्याल से पुराने नोट बुक्स के बचे साफ़ पन्नों को यूँ ही बर्बाद करने या कबाड़ी को बेच देने से व्यर्थ व्यय यानी वेस्टेज होती है, इससे अच्छा है कोई छात्र/छात्रा इसे यूज़ कर ले।" दीया ने पुराने नोटबुक के पन्नों को नई कॉपी के रूप में बंधवाने में होने वाले खर्च के पैसे जुटाने के लिए दोस्तों, सहेलियों, अपने पैरेंट्स और रिश्तेदारों से चंदा भी इकट्ठा किया ताकि बच्चों को नई कॉपी पाने का आनन्द मिल सके। उसने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए सबको इस आइडिया और मुहिम के बारे में बताते हुए अपील की कि लोग अपने-अपने बिल्डिंगों और निवासस्थलों में एक ड्रॉप बॉक्स रखें ताकि कोई भी आकर अपनी पुरानी कॉपियों के बचे हुए साफ़ पन्नों को दान कर सके। कोई चाहे तो अपनी किताबें भी दान कर सकते हैं। उसके बाद वो उन कॉपी किताबों पर नया ज़िल्द चढ़ा कर, फ्रंट और बैक कवर पर डिज़ाइन बनाने के बाद उन्हें बच्चों में बांट देगी। पुराने नोट बुक्स से नया नोटबुक बनाने का आइडिया उसे अपनी माँ से मिला है जो खुद बेटी की कॉपियों से पन्ने लेकर अन्य कामों के लिए इस्तेमाल करती थी। दीया के इस सुन्दर उपयोगी पहल की सब प्रशंसा कर रहे हैं और उसे सम्मानित भी कर रहे है। #Bal Samachar #Lotpot Positive News You May Also like Read the Next Article