चिनाब रेलवे ब्रिज के बारे में सारी जानकारियां

नॉर्दन रेलवे द्वारा निर्मित चिनाब नदी के ऊपर बनकर तैयार है दुनिया का सबसे ऊँचा, स्टील और कॉंक्रीट का रेल्वे ब्रिज का ओवरआर्क डेक जिसके सामने एफिल टावर भी बौना लग रहा है। ऊँचे ऊँचे पहाड़ों और विशालकाय बादलों के पृष्टभूमि में यह ब्रिज, चिनाब नदी के तल से 359 मीटर (1,178  फिट) ऊंचा  है और 4314  फिट लंबा है तथा आर्क (मेहराब) स्पैन  1532 फिट और आर्क लेंथ 1570 फिट है । इसमें कुल सत्रह स्पॉन है। इसकी ऊंचाई पैरिस के एफिल टावर से तीस/पैंतीस मीटर ऊंची है।

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All information about Chenab Railway Bridge

नॉर्दन रेलवे द्वारा निर्मित चिनाब नदी के ऊपर बनकर तैयार है दुनिया का सबसे ऊँचा, स्टील और कॉंक्रीट का रेल्वे ब्रिज का ओवरआर्क डेक जिसके सामने एफिल टावर भी बौना लग रहा है। ऊँचे ऊँचे पहाड़ों और विशालकाय बादलों के पृष्टभूमि में यह ब्रिज, चिनाब नदी के तल से 359 मीटर (1,178  फिट) ऊंचा  है और 4314  फिट लंबा है तथा आर्क (मेहराब) स्पैन  1532 फिट और आर्क लेंथ 1570 फिट है । इसमें कुल सत्रह स्पॉन है। इसकी ऊंचाई पैरिस के एफिल टावर से तीस/पैंतीस मीटर ऊंची है। इस ब्रिज पर दौड़ने वाली गाडिय़ां हमें भारत के किसी भी शहर से सीधे कश्मीर पहुंचा सकती है। यही वो चिनाब नदी है जो कश्मीर घाटी को देश के हर हिस्से से जोड़ने का काम करती है। बताया जा रहा है कि साल 2002 को इसे बनाने की स्वीकृति मिली और 2004 में इसका निर्माण शुरू किया गया था लेकिन सुरक्षा तथा कई अन्य कारणों से इसका निर्माण कार्य 2008 में  रोक दिया गया था। फिर 2010 में दोबारा ब्रिज का निर्माण शुरू किया गया। अब जाकर यह तैयार हो गया है। विश्व के इस सबसे ऊँचे सिंगल आर्क रेल्वे ब्रिज पर ओवर आर्क डेक का गोल्डन जॉइंट तेरह अगस्त को खोल दिया गया और आजादी के बाद, अब पहली बार श्रीनगर भारत के सभी जगहों से जुड़ पाएगी। इसे गोल्डन जॉइंट का नाम, पुल को बनाने  वाले इंजीनियर्स ने दी है, हालांकि इसमें कोई सोने का जॉइंट नहीं है लेकिन क्योंकि यह डेक के दोनों साइड को ना सिर्फ जोड़ता है बल्कि कई इंजीनियर्स और वर्कर्स के काम की मजबूती और क्वालिटी भी दर्शाती है इसलिए इसे, इस प्रोजेक्ट का  सबसे महत्वपूर्ण जोड़ माना जाता है जो  ब्रिज के बक्कल और कौरी साइड्स को लिंक करता है।

चिनाब रेलवे ब्रिज आर्क की अद्भुत डिजाइन स्क्वायर बॉक्सेस  से बनी है जो  100 से 266 किलोमीटर स्पीड की हवा का प्रेशर झेलने में सक्षम है और साथ ही यह ब्रिज  8 रिक्टर स्केल तीव्रता के भूकंप और उच्च तीव्रता के विस्फोटों को भी झेल सकता है। इस पर ऐसा पेंट किया गया जो अगले बीस साल तक खराब नहीं होगा। इसके निर्माण में 1250 करोड़ रुपयों की लागत लगी है।

गोल्डन जॉइंट कहे जाने वाले इस ब्रिज के इनॉगरेशन के अवसर पर देश भर से रेलवे कर्मचारी उपस्थित हुए और पुष्प वर्षा,  भारत माता की जय  तथा जन गण मन गीत के साथ, नैशनल  ब्रिज का उद्घाटन किया गया। लोगों का मानना है कि ये दुनिया का सबसे ऊँचा रेल्वे ब्रिज है लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि दुनिया का सबसे ऊँचा रेल्वे ब्रिज चीन (China Railway) में दादुहे रेल ब्रिज है। 'चिनाब रेल पुल' आर्क पुल के कैटेगरी में दुनिया का सबसे ऊँचा पुल है।
इसे दिसंबर महीने में रलवे ट्रैफिक के लिए खोल दिया जायेगा।

★सुलेना मजुमदार अरोरा★