असम बन गया प्रेसिडेंटस् कलर पाने वाला दसवाँ राज्य

माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंड की ओर से, यूनियन होम मिनिस्टर श्री अमित शाह ने नेहरू स्टेडियम में, असम पुलिस को एक बेहतरीन परेड उत्सव के दौरान उनके अनुकरणीय और अतुलनीय देश सेवा के लिए प्रेसिडेंट्स कलर से सम्मानित किया। यह सम्मान, असम पुलिस द्वारा सख्ती से उग्रवाद से निपटने, कानून व्यवस्था सही तरीके से बहाल रखने और आपराधिक घटनाओं को काबू में करके आम और विशेष लोगों की जान माल की सुरक्षा करने के लिए प्रदान किया गया है।

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Assam became the tenth state to get the President's Colour.

माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंड की ओर से, यूनियन होम मिनिस्टर श्री अमित शाह ने नेहरू स्टेडियम में, असम पुलिस को एक बेहतरीन परेड उत्सव के दौरान उनके अनुकरणीय और अतुलनीय देश सेवा के लिए प्रेसिडेंट्स कलर से सम्मानित किया। यह सम्मान, असम पुलिस द्वारा सख्ती से उग्रवाद से निपटने, कानून व्यवस्था सही तरीके से बहाल रखने और आपराधिक घटनाओं को काबू में करके आम और विशेष लोगों की जान माल की सुरक्षा करने के लिए प्रदान किया गया है।

Assam became the tenth state to get the President's Colour.

असम हमारे देश का वो दसवां राज्य है जिसे यह सम्मान प्राप्त हुआ। इससे पहले उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिल नाडू, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, हरियाणा तथा गुजरात ही वो स्टेट थे जिसे अब तक अपने अपूर्व सुरक्षा सेवा के लिए प्रेसिडेंट कलर से नवाजा गया था।

दिल्ली को भी ये सम्मान उस समय प्राप्त हुआ था जब वो यूनियन टेरिटरी थी। क्या आप जानते हैं कि प्रेसिडेंट्स कलर क्या है? प्रेसिडेंट्स कलर, एक खास फ्लैग यानी झंडा है जो देश के किसी भी मिलिट्री या पुलिस को, युद्ध में या शांति में, उनके असाधारण सुरक्षा सेवा को मान्यता देने के लिए दिया जाता है। इस फ्लैग में असम के मानचित्र के साथ साथ, एक सींग वाले गैंडा, और असम पुलिस के अपने मोटो के साथ का बिल्ला और छत्तीस स्टार्स भी अंकित है जो स्टेट्स के डिस्ट्रिक्टस का प्रतिनिधित्व करते हैं,  इस उत्सव और इन क्षणों को और भी ज्यादा यादगार और आकर्षक बनाने के लिए  असम पुलिस ने तरह तरह के अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जैसे राइड ऑफ प्राइड रैली, जिसमें स्टेट पुलिस के आठ बाइकर्स, सत्ताइस डिस्ट्रिक्टस में राइडिंग करते हुए इस सम्मान के बारे में सबको सूचित करते हैं।

इसके अलावा वाकाथॉन्स, साईक्लोथॉन्स, मराथॉन्स और तरह तरह के क्विज़ का भी इस अवसर पर आयोजन रखा गया। राज्य सरकार द्वारा इस प्रतीक चिन्ह की रेपलिका यानी प्रतिरूप को पहले मंजूरी दी जाती है और उसके बाद कांस्टेबल से लेकर डीजीपी तक इसे अपने नेम प्लेट के ऊपर धारण करते हैं।

सुलेना मजुमदार अरोरा