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बच्चों को यदी बचपन से ही दया और अच्छाई का पाठ पढ़ाया जाए तो वे दुनिया को सिखा सकते हैं कि इंसानियत से जीना किसे कहते हैं। यू एस के बॉएस इदाहो का रहने वाला एक सात साल का बच्चा, बेन मिलर एक दिन अपने दादी के साथ इदाहो ह्यूमन सोसाइटी में लावारिस पशु आश्रम घूमने गया था। दरअसल इस बच्चे को उसका परिवार शुरू से ही सबके प्रति प्रेम और दया भावना रखने की प्रेरणा देते रहें हैं।
जब बेन अपनी दादी के साथ लावारिस पशु आश्रय घूमने गया तो उसे वहां सारे जानवर उदास नजर आए। उसने दादी से जानवरों की उदासी का कारण पूछा तो दादी ने बताया कि शायद जानवरों को भरपेट भोजन नहीं मिलता होगा। बेन ने यह भी गौर किया कि किसी जानवर के पास खेलने के लिए कोई खिलौना भी नहीं है। बस, फिर से क्या था, उसने मन में ठान लिया कि पढ़ाई के बाद जो भी समय मिलेगा वो लेमोनेड ( नींबू पानी) बेच कर पैसे कमाएगा और उसे पशु कल्याण में दान कर देगा।
धीरे धीरे उसके पास डॉलर जमा होने लगे। बेन की माँ ने फेस बुक पर उसे एक इवेंट क्रिएट करने में भी मदद की जिसके कारण दूर दूर से लोग उससे जुड़ने लगे और उसके नेक काम के बारे में पता चलते ही नींबू पानी खरीदे बिना ही लोग उसे धन भेजने लगे। हफ्ते भर में ही बेन ने $1,150 जमा कर लिया और पशु आश्रम को दान भी कर दिया , साथ ही उसने अपने सारे खिलौने भी दान में दे दिए । आज बेन नौ वर्ष का हो गया है और पिछले तीन वर्षों से नींबू पानी बेचकर सैकड़ों डॉलर दान करता आ रहा है।
जब उसके इस नेक कार्य के बारे में अखबारों, रेडियो टीवी में चर्चा होने लगी तो दूर दूर से लोग उससे मिलने आने लगे। बेन का कहना है कि वो नींबू पानी बेचकर चैरिटी का काम कभी नहीं छोड़ेगा। उसके इस नेक काम को उसके स्कूल टीचर्स और दोस्त भी खूब सराहते है और बेन की माँ का कहना है कि उसे अपने इस दयालू बेटे पर गर्व है और अब उसे यकीन हो गया है कि बच्चों को अच्छे संस्कार देने से वे अच्छे ही बनते है।