भारत की एक और बेटी, कैप्टन शिवा चौहान अपनी मेहनत और हिम्मत के बल पर आसमान की बुलंदी छू रही है। शिवा वो प्रथम महिला सैन्य अधिकारी है जो सियाचिन की कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी करने के लिए तैनात है। उन्होंने सियाचिन बैटल स्कूल में, ऑफिसर्स तथा इंडियन आर्मी के पुरुषों के साथ ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के बाद कैप्टन शिवा चौहान आज दुनिया की सबसे ऊँचे और दुरूह युद्ध स्थल सियाचिन में ऑपरेशनल रूप में ड्यूटी करने वाली पहली महिला अधिकारी है।
सियाचिन को दुनिया का सबसे ऊँचा युद्धक्षेत्र माना जाता है जहाँ का तापमान शून्य से साठ डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है। कैप्टन शिवा चौहान को तीन महीने के लिए 15632 फीट की ऊंचाई पर, कुमार पोस्ट में तैनात किया गया है। देश और दुनिया में इस भारतीय महिला की उपलब्धी पर खूब चर्चा हो रही है विशेष रूप से महिलाएँ इनसे प्रेरित होकर इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होती जा रही है। कैप्टन शिवा ने सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर मेहनत, लगन और बहादुरी से उस कठिन प्रशिक्षण को पास किया था जिसमें उन्हें यह सिखाया गया कि कैसे बर्फ के ऊँचे ऊँचे पहाड़ और दीवारें चढ़ना और उतरना चाहिये, कैसे हिमस्खलन से बचना चाहिए और कैसे अपने घायल साथियों को बचाने में मदद करना चाहिए।
कौन है यह भारत की बहादुर बेटी शिवा चौहान?
आइए जानते हैं। शिवा का जन्म राजस्थान में हुआ था। ग्यारह वर्ष की कच्ची उम्र में उनके सर से पिता का साया उठ गया। माँ ने ही अकेले दम शिवा को पाला पोसा, पढाया लिखाया। बचपन से ही वो पढ़ने में होशियार थी और भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहती थी। उन्होंने उदयपुर से स्कूलिंग की थी, उसके बाद वे एनजेआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उदयपुर से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट हुई।
भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए उन्होंने ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी में उत्साहपूर्वक ट्रेनिंग ली थी और 2021 में इंजीनियरिंग रेजिमेंट में नियुक्त हुई। शिवा ने 2 जनवरी 2023 को एक कठिन ट्रेनिंग के तहत, बर्फीली पहाड़ की सफ़लतापूर्वक चढ़ाई करने के बाद, सियाचिन ग्लेशियर में ड्यूटी संभाली। कैप्टन चौहान बंगाल सैपर है।
उनके नेतृत्व में सैपर्स का दल, युद्ध के कई इंजीनियरिंग कार्यो की जिम्मेदारी लेंगे। सियाचिन में प्रथम महिला सैन्य अधिकारी के रूप में कैप्टन शिवा चौहान की तैनाती पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने देश की इस बच्ची के बारे में प्रशंसा करते हुए कहा, “यह देश की नारी शक्ति की भावना को दिखाता है और ये नारी सशक्तिकरण का उदाहरण है।
★सुलेना मजुमदार अरोरा★