Motu Patlu E-Comics: मैं किसी काम का नहीं
एक दिन मोटू बाजार से घर लौट रहा था, तभी रास्ते में कुछ बच्चे उसकी नक़ल करने लगते हैं। यह देखकर मोटू उदास हो जाता है उसको लगता है की वे बच्चे उसका मज़ाक उड़ा रहे हैं। यही सोचते सोचते वो घर की तरफ चलता है।
एक दिन मोटू बाजार से घर लौट रहा था, तभी रास्ते में कुछ बच्चे उसकी नक़ल करने लगते हैं। यह देखकर मोटू उदास हो जाता है उसको लगता है की वे बच्चे उसका मज़ाक उड़ा रहे हैं। यही सोचते सोचते वो घर की तरफ चलता है।
पिछली गर्मियों की बात है मोटू पतलू अपने गार्डन में टहल रहे थे, तभी उन्हें चाचा खोटु मल आते हुए दिखाई दिए। दोनों चाचा को आते देख खुश हो गए, जैसे ही चाचा जी उनके पास पहुंचे वे बोलने लगे की भतीजों बहुत जी लिया गृहस्थ जीवन।
संडे का दिन था नटखट नीटू अपने दोस्तों के साथ मछली पकड़ने का प्लान बनाता है। रास्ते में जाते वक़्त टीटा नीटू से पूछता है की हम लोग मछली पकड़ने कहाँ जा रहे हैं?
नटखट नगर में सब कुछ शान्ति से चल रहा था, मगर ये बात डॉ. डेविल को पसंद नहीं आ रही थी। उसने एक नया आविष्कार किया उसने एक मक्खी बनाई और उसे भेज दिया नटखट नीटू और बाकी के शहर को ख़तम करने।
पप्पू और मिन्नी मोटू पतलू की फिल्म किंग ऑफ़ किंग्स देख कर वापस लौट रहे थे। वे आपस मैं बातें कर रहे थे, पप्पू बोलता है की मिन्नी मोटू पतलू की मूवी तो बहुत ही मज़ेदार थी।
एक दिन की बात है मोटू घर में आराम कर रहा था, की तभी पतलू वहां आता है और बोलता है की मोटू भाई कमाल की खबर लाया हूँ। मोटू को लगता है की शायद उसके दोस्त कमाल की तबियत ठीक हो गयी है।
इतवार का दिन था, शेख चिल्ली सुबह सुबह नाश्ता कर के मल्लिका के घर जाने के लिए निकलता है। जैसे ही वो मल्लिका के घर पहुँचता है और मल्लिका को आवाज़ देता है तो मल्लिका झट से बहार आकर बोलती है की अभी तुम लोग चले जाओ।