गोल्ड मेडलिस्ट विनेश फोगट ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ का वो आठवां वचन दिया हरियाणा आज बेहतरीन रेसलर्स का गढ़ बन गया है। यहीं की रहने वाली विनेश फोगट ने वो कमाल कर दिखाया जो अब तक कोई भारतीय महिला रेसलर नहीं कर पाई । वे कॉमन वेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी। खबरों के अनुसार, फिल्म 'दंगल' जिन दो खिलाडियों गीता और बबीता फोगट पर फिल्म बनाई गई थी, उन्हीं की चचेरी बहन है विनेश फोगट। By Lotpot 08 Aug 2022 in Stories Positive News New Update हरियाणा आज बेहतरीन रेसलर्स का गढ़ बन गया है। यहीं की रहने वाली विनेश फोगट (Vinesh Phogat) ने वो कमाल कर दिखाया जो अब तक कोई भारतीय महिला रेसलर नहीं कर पाई । वे कॉमन वेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी। खबरों के अनुसार, फिल्म 'दंगल' जिन दो खिलाडियों गीता और बबीता फोगट पर फिल्म बनाई गई थी, उन्हीं की चचेरी बहन है विनेश फोगट। भारत की इस प्रतिभाशाली बेटी, विनेश का जन्म हरियाणा के बलाली गांव में 25 अगस्त 1994 में हुआ था । इनके पिता राजपाल सिंह एक किसान थे और माता प्रेमलता फोगट हाऊस वाइफ। विनेश का जीवन बहुत सारी कठिनाईयों से भरा हुआ था। जब वो सिर्फ दस साल की बच्ची थी तब उनके पिता का दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में निधन हो गया। उन्हें उनकी माँ और ताऊ जी का सहारा मिला। उनका बचपन अपने भाई हरविंद्र फोगट और कज़िन बहनें गीता फोगट और बबीता फोगट के साथ खेलते कूदते बीता। विनेश की रुचि पहलवानी में देखकर ताऊ जी महावीर सिंह फोगट ने (द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता) ने उन्हें रेसलिंग सिखाया। विनेश ने अपनी स्कूलिंग हरियाणा के झोझूकलां के, सी एम सेकंडरी स्कूल से की और फिर रोहतक के एमडीयू कॉलेज से डिग्री प्राप्त की। विनेश भारतीय रेल्वे में काम करने लगी जहां भारत के प्रसिद्ध रेसलर सोमवीर राठी भी काम करते थे। सोमवीर ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो बार गोल्ड मेडल जीता था। 2018 में विनेश और सोमवीर का धूमधाम से विवाह हो गया। बताया जाता है कि शादी के वक़्त दोनों ने सात फेरों के बदले आठ फेरे लिए। यानी सात के बदले आठ वचन दिए। आठवां वचन दोनों पति पत्नी ने यह लिया कि वे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ' मुहिम को बल देंगे। शुरू शुरू में विनेश को एक लड़की होने के नाते, छोटे शॉर्ट्स पहनकर कुश्ती लड़ने को लेकर समाज से काफी ताने सुनने को मिले लेकिन ना वो झुकी ना उनके परिवार झुके और 2014 के राष्ट्रमण्डल गेम्स में जब विनेश ने गोल्ड मेडल जीता तो सबकी बोलती बंद हो गई। उसके बाद उन्होंने कोरिया में आयोजित एशियाई गेम्स में कांस्य पदक जीता फिर 2015 मे एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में उन्हें सिल्वर मेडल मिला, 2017 में एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल प्राप्त की किया। 2018 में गोल्ड कॉस्ट कॉमन वेल्थ गेम में उन्हें स्वर्ण पदक मिला। इसी वर्ष जकार्ता के एशियाई गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर वे पहली भारतीय महिला बनी जिन्हें एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता।। 2019 में साउथ एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में उन्हें कांस्य पदक मिला। 2019 में ही फिर से कजाकिस्तान में विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में विनेश में कांस्य पदक जीता। 2020 में रोम के रैंकिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। और अब एक बार फिर गोल्ड जीतकर विनेश नें भारत का नाम रोशन किया। उन्हें अब तक ढेर सारे पुरस्कार मिले जिनमें खास है, अर्जुन पुरस्कार, भारत का सबसे सम्मानीय स्पोर्ट्स अवार्ड 'मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार' और पद्मश्री सम्मान है। ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ #Lotpot Positive News #Vinesh Phogat You May Also like Read the Next Article