इंसान के ज्ञान की अथाह कुंजी बन गया है गूगल ! जानिए पंडित गूगल के परिवार की कहानी !!

आज छोटी सी छोटी जानकारी लेनी होती हो तो कहा जाता है गूगल पर जाओ! इंसानी ज्ञान की अथाह कुंजी बन गए हैं गूगल महाराज! महाभारत के संजय की तरह गूगल सर्वद्रस्टा हैं। संजय तो सिर्फ धृतराष्ट्र की आंखें थे, गूगल महाराज तो हर किसी के ज्ञान चक्षु हैं।छोटा बच्चा हो, टीनएज हो, नौकारी सुदा, व्यवसायी, वाहन चालक, वैज्ञानिक, टीचर, चोर- डाकू, बुजुर्ग या धर्म के खोजी...जो भी हों, उनका मार्ग दर्शक सेवक गूगल सेवा में हाज़िर है। इस सेवादार के बारे में कभी जानने की कोशिश किया है अपने? नहीं, तो आइए हम बताते हैं।

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Google has become the inexhaustible key to human knowledge! Know the story of Pandit Google's family !!

Google Facts: आज छोटी सी छोटी जानकारी लेनी होती हो तो कहा जाता है गूगल पर जाओ! इंसानी ज्ञान की अथाह कुंजी बन गए हैं गूगल महाराज! महाभारत के संजय की तरह गूगल सर्वद्रस्टा हैं। संजय तो सिर्फ धृतराष्ट्र की आंखें थे, गूगल महाराज तो हर किसी के ज्ञान चक्षु हैं।छोटा बच्चा हो, टीनएज हो, नौकारी सुदा, व्यवसायी, वाहन चालक, वैज्ञानिक, टीचर, चोर- डाकू, बुजुर्ग या धर्म के खोजी...जो भी हों, उनका मार्ग दर्शक सेवक गूगल सेवा में हाज़िर है। इस सेवादार के बारे में कभी जानने की कोशिश किया है अपने? नहीं, तो आइए हम बताते हैं।

गूगल का मतलब क्या हुआ, ज्यादातर लोग यही नहीं जानते। हम बताते हैं: 1 के पीछे 100 शून्य(0) लगाने से जो संख्या बनती है उसे "Googole" कहते हैं। जब इंटरनेट पर इस विधा की शुरुवात की गई थी तब यही नाम रखा जाना तय हुआ था। बादमे, टाइप में मिस्टेक के कारण 'googole' की जगह 'google' टाइप हो गया।यह गलती बनी रह गई और उस गलत नाम के साथ आज गूगल हमारा साथी बना हुआ है।एक ऐसा साथी जो पग पग पर हमारा मार्ग दर्शक है।एकबार बीवी के बिना रह सकते हैं लेकिन गूगल- हथियार(मोबाइल, लैपटॉप जो भी) के बिना नहीं... ज़िंदगी असंभव लगती है। गूगल के संस्थापक सिर्फ दो लोग थे- लैरीपेज और सर्जेब्रिन। आज इस कम्पनी में 417000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। आज हर हफ्ते इस कम्पनी में नौकरी पाने के लिए 2 लाख 20 हज़ार लोग आवेदन करते हैं। जिन कर्मचारियों ने यहां काम किया या कर रहे हैं उनमें से कितने अरबपति बन चुके हैं। 40 देशों में 70 से ज्यादा गूगल के ऑफिस हैं। पिछले 12 साल में कम्पनी ने 827 कम्पनियां खरीदी हैं ( यह आंकड़ा दो साल पहले का है, अब बढ़ गया होगा) जो एक रिकॉर्ड है।

एक आश्चर्य जनक सत्य इस कम्पनी के मुख्यालय को लेकर है कि यहां 20 हज़ार बकरियां काम करती हैं। ये बकरियां दफ्तर से जुड़े लॉन की घास काटती (खाती) हैं ताकि मशीन चलाने के शोर से तथा धुएं से बचा जा सके। सन 2010 के बाद से गूगल ने प्रति सप्ताह एक कम्पनी को खरीदा है ('कोरोना' के दौरान में और बृद्धि हुई होगी, जिसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है)। गूगल ने सन 2006 में you tube खरीदा था, तब कहा गया था कि यह उनकी सबसे बड़ी गलती साबित होगी। आज youtube दुनिया मे हर महीने 6 अरब घंटे तक देखा जाता है। हर घंटे 69000 से ज्यादा सर्च किया जाता है। कोविड - काल में यह आंकड़ा तो बहुत ज्यादा ही बढ़ गया है। गूगल का सर्च इंजिन 100 मिलियन गीगा बाइट का है। इस डाटे को सेव करने के लिए एक टेराबाइट की एक लाख ड्राइव की ज़रूरत होती है।

अब जान लीजिए गूगल की कमाई भी। एक साल की कम्पनी की आय 50,00,00,00, 000, 000, 000, 000, 000 डॉलर है। एक सेकेंड की कमाई 9,30,900 रुपये होती है। ऐसा माना जाता है कि पलक झपकते 550 रुपये कमा लिए होंगे। एक और जाननेवाली बात है कि जब गूगल लांच हुआ था, इसके मालिक को HTML कोड की जानकारी नहीं थी, इसलिए होम पेज सिंपल रखा गया था जो आज भी वैसा ही है। स्ट्रीट व्यू मैप के लिए इस कम्पनी ने 80 लाख 46 हज़ार किलोमीटर सड़क के बराबर फोटोग्रॉफ किये हैं। गूगल मैप और गूगल अर्थ एप्लिकेशन के द्वारा आज ये पूरी दुनिया माप सकते हैं।और, अब पहुंच चांद तक है।
ऐसा है पंडित गूगल के ज्ञान का भंडार !!

*शरद राय

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