मजेदार बाल कहानी : जब जान पर बन आये तब एक बार की बात हैं। कुछ बच्चे मैदान में खेल रहे थे। तभी चिड़ियों का एक झंुड उड़ता हुआ आया और मैदान के एक कोने में दाना चुगने लगा। नन्हीं-नन्हीं रंग-बिरंगी चिड़ियों को फुदकता देख लड़के उनकी ओर आकर्षित हुए बिना नहीं रहे सके। By Lotpot 10 Oct 2023 | Updated On 12 Oct 2023 18:01 IST in Fun Stories Moral Stories New Update जब जान पर बन आये तब (Hindi Kids Story) : एक बार की बात हैं। कुछ बच्चे मैदान में खेल रहे थे। तभी चिड़ियों का एक झंुड उड़ता हुआ आया और मैदान के एक कोने में दाना चुगने लगा। नन्हीं-नन्हीं रंग-बिरंगी चिड़ियों को फुदकता देख लड़के उनकी ओर आकर्षित हुए बिना नहीं रहे सके। तभी उनमें से एक को शरारत सूझी। वह था शरारती लड़का। उसने अपने छल बल से एक चिड़िया पकड़ ली। फिर अपनी कलम की स्याही से उसे रंगा और उसे उड़ा दिया। इस चिड़िया के रंगे जाने से साथी चिड़ियों ने उसे पहचानने से इंकार कर दिया। वे उसे अपने झुंड में शामिल करने को तैयार ही नहीं हुई। वह उनकी ओर आती तो फुर्र से दूसरी ओर उड़ जाती। और तो और उस चिड़िया के स्वंय के बच्चे भी उससे डरकर दूर भाग रहे थे। और पढ़ें :Hindi Kids Story- असलियत पता चली वो चिड़िया बहुत परेशान हुई। वह अपने बच्चों तथा बिरादरी से कटकर रह गई। वह बहुत दुखी हुई। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वह आखिर करे तो क्या करे? उसे जैसे समझ ही नहीं आ रहा था कि किधर जाये? चिड़िया बेचारी न उड़ पा रही थी न बैठ पा रही थी। इसलिये काफी समय तक एक ही स्थान पर बैठी रहती। इतने में उस शरारती बालक ने एक कंकड़ उसकी ओर उछाल दिया। कंकड़ लगते ही चिड़िया बहीं बेहोश हो गई। उस शरारती ने चिड़िया को उठा लिया और उसने पंख नोचने लगा। वह तो अच्छा हुआ कि उनमें से दूसरा एक लड़का दयालु निकला। उसने चिड़िया पर ठंडा पानी छिड़क दिया। चिड़िया को होश आ गया पर उसे लगा जैसे उसके अंग-अंग में चुभन से दर्द हो रहा है। उसे पंख नुचने से बहुत पीड़ा हो रही थी। अब उस शरारती ने एक बड़े से तिनके से चिड़िया की आंखें फोड़नी चाही तो चिड़िया घबराई। उसने पूरा जोर लगा दिया जिससे वह लड़के की पकड़ से छूट गई। बेचारी चिड़िया फुदक-फुदककर उसे बच्चे की पकड़ से दूर हो जाना चाहती थी। परंतु वह लड़का उसे फिर से पकड़ने के लिए उसके पीछे-पीछे भाग रहा था। यह लड़का क्यों मेरे पीछे पड़ा हैं। चिड़िया मन ही मन सोच रही थी। वह रोती भी जा रही थी। उसका एक पंख जड़़ से हिल गया था। इसलिए उसे बहुत दर्द हो रहा था। और पढ़ें : Hindi Kids Story- तिरंगे का सम्मान आखिर उसने मन ही मन कुछ ठान लिया। मरती क्या न करती बेचारी। उसने पूरी शक्ति लगाकर उसके मुंह पर चोंच चुभो दी। शरारती लड़का कराह कर ढीला पड़ गया। उधर नन्हीं चिड़िया का उत्साह और बढ़ गया। वो अपनी पीड़ा भूल गई। फिर तो एक के बाद एक उसने चोंच से इतने तीव्र प्रहार किये कि लड़का बौखला गया। परंतु चिड़िया ने उसे संभलने का मौका ही नहीं दिया। लड़के का पूरा चेहरा लहू-लूहान हो उठा, फिर हड़बड़ाहट में वह एक गड्ढे में गिरकर अचेत हो गया। अचेत तो चो घायल चिड़िया भी हो गई परंतु लड़के को एक सबक सिखाकर। वास्तव में जब-जब भी अपनी शक्ति को स्वंय पर आत्म-रक्षा का भाव लगा लिया जाता है, कमजोर भी ताकतवर से भिड़ जाता है व जीत जाता है। अपने जीने मरने की परवाह किए बिना ही जैसे ये चिड़िया। Facebook Page #Lotpot Magazine #Lotpot #Hindi Kids Story #Best Hindi Stories #Hindi kahaniyan #Kids Hindi Story #Lotpot Kahaniya #Moral Stories by Lotpot You May Also like Read the Next Article