डेजर्ट फेस्टिवल एक वार्षिक समारोह है जो फरवरी के महीने में खूबसूरत जैसलमेर (Jaisalmer) शहर में होता है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। यह हिन्दू महीने के माघ यानि फरवरी के महीने में पूर्णमासी के तीन दिन पहले आयोजित किया जाता है। यह फेस्टिवल शहर से 42 किमी दूर स्थित सैम रेत टिब्बा में आयोजित होता है। पर्यटक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, ऊंट दौड़, पगड़ी बांधने, और सबसे अच्छी मूँछ की प्रतियोगिता का आनंद ले सकते हैं। यह राजस्थान पर्यटन बोर्ड द्वारा आयोजित एक तीन दिवसीय त्योहार है।
जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल का इतिहास
जैसलमेर (Jaisalmer) के डेजर्ट फेस्टिवल के इतिहास के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। इतिहास के मुताबिक, यादव समुदाय के शासक भगवान् कृष्ण ने पांडव अर्जुन से कहा था कि यादव समुदाय का उत्तराधिकारी त्रिकुटा पहाड़ पर अपना राज्य बनाएगा। साल 1196 में भगवान् कृष्ण की कही हुई बात सच साबित हुई जब यादव समुदाय के रावल जैस्वाल ने जैसलमेर में अपना राज्य स्थापित किया। पूरे राज्य में इसका जश्न मनाया गया जब लोगों को पता चला की भगवान कृष्ण की भविष्यवाणी सच साबित हुई है।वह जश्न अब समारोह का रूप ले चुका है और हर साल इसे आयोजित किया जाता है। सरकार ने इसे राजस्थान की तरफ और अधिक विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य के साथ शुरू किया।
जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल का जश्न
इस समारोह से सुनसान पड़ा रेगिस्तान रंगों, उत्साह और खुशी से झूम उठता है। इस समारोह की शुरूआत जैसलमेर (Jaisalmer) किले से शहीद पूनम सिंह स्टेडियम तक निकाले गए जुलूस से होती है। यहाँ के स्थानीय लोग पारम्परिक और रंगीन कपड़े पहनकर जश्न मनाते है। वह रेगिस्तान के दुःख सुख के गीतों को गाते और उनपर नृत्य करते है। इस समारोह का आर्कषण गैर और आग वाला डांस है। कलाबाज कुछ स्थानीय लोगों का समूह होता हैं जो अपनी कलाबाजी के लिए मशहूर होते है। भोपा के लांघा और मांगणयार अपने लोक गीतों और संगीत से समां बांधते है। ऊँट पोलो, ऊंठ की रेस जैसी प्रतियोगिताएं का आयोजन किया जाता है। ऊँट की कमर पर बैठकर जिमनास्टिक के स्टंट किये जाते है और ऊँटों को एक साथ खड़े करके नाचना इस समारोह के मुख्या आकर्षण है। यह प्रतियोगिताए बाॅर्डर सिक्योरिटी फाॅर्स कैमल टैटू की देख रेख में होती है। इस समारोह में पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता, मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिता और सबसे लम्बी मूंछों वाले की भी प्रतियोगिता होती है। समारोह के ग्रैंड फिनाले पर राजस्थानी लोक काॅन्सर्ट होता है और इसके बाद एयर फाॅर्स अपनी प्रदर्शनी करती है और इसके अलावा क्रिकेट मैच और पैराशूटिंग होती है। इस समारोह का समापन पूर्णिमा के दिन सोनार किला का बैकग्राउंड रखकर होता है। इस समारोह में लाजवाब खाना, हाथ से बनी हुई चीजे भी पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। यहाँ पर आप डेजर्ट सफारी का भी मजा ले सकते है।
जैसलमेर कैसे पहुंचेः
हवाई जहाज
जैसलमेर जाने के लिए जोधपुर एयरपोर्ट सबसे करीबी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है। यह हवाई अड्डा 337 किलोमीटर दूर है। आप हवाई अड्डे से जैसलमेर जाने के लिए टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते है।
रेलगाड़ी
जैसलमेर भारतीय शहरों से रेलगाड़ी के माध्यम से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन रेगिस्तान के शहर के बीच में स्थित है। जब आप रेलवे स्टेशन पहुँच जाए तो वह से आॅटो रिकशा या टैक्सी से शहर में जा सकते है।
सड़क के माध्यम सेः
जैसलमेर में सड़क से आसानी से पहुंचा जा सकता है। शहर में सड़क के माध्यम से जाना बहुत आसान है। यहाँ पहुँचने के लिए आप राज्य बस, लक्जरी कोचस, स्लीपर एसी बस, टैक्सी या फिर अपने वाहन का भी इस्तेमाल कर सकते है। अगर आप रेट के टीले पर जाने का मन बना रहे है तो आप जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल में जरूर जाये।
यहाँ रहने के लिए आपको टैंट हाउस या होटल भी मिल जायेंगे।