Holi 2023 : होली त्योहार, जिसके कितने सारे अलग अलग नाम है Holi 2023 :होली भारत और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में मनाए जाने वाले सबसे सुन्दर और जीवन से भरपूर रोमांचक त्योहारों में से एक है। इसे सात रंगों के त्योहार, फागुन, फाग, दोल जात्रा, दोल पूर्णिमा, धुलेठी, धुलंडी, उकुली, मंजल कुली , याओसांग, शिगमो, फगवाह, जजिरी बसंत पंचमी, बसंत उत्सव, रंगवाली होली , होला मोहल्ला, , कुमाउनी होली, लासूँग/नामसूंग, दोलपवनिमा, मेदुरु होली, के नाम से भी जाना जाता है। By Lotpot 01 Mar 2023 in Stories Interesting Facts New Update Holi 2023 :होली भारत और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में मनाए जाने वाले सबसे सुन्दर और जीवन से भरपूर रोमांचक त्योहारों में से एक है। इसे सात रंगों के त्योहार, फागुन, फाग, दोल जात्रा, दोल पूर्णिमा, धुलेठी, धुलंडी, उकुली, मंजल कुली , याओसांग, शिगमो, फगवाह, जजिरी बसंत पंचमी, बसंत उत्सव, रंगवाली होली , होला मोहल्ला, , कुमाउनी होली, लासूँग/नामसूंग, दोलपवनिमा, मेदुरु होली, के नाम से भी जाना जाता है। होली त्योहार का एक लंबा और मनोरंजक प्राचीन इतिहास है जिसके अनुसार होली पर्व, हिंदू त्योहार के रूप में उत्पन्न हुआ और जिसने बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, होली का त्योहार, राक्षस राजा हिरण्यकशिपु पर भक्त प्रह्लाद की सच्चाई की जीत का जश्न मनाती है। प्रह्लाद एक सुकुमार राजकुमार था जो हिंदू देवता भगवान विष्णु की भक्ति में लीन था । लेकिन उनके पिता हिरण्यकशिपु एक शक्तिशाली राक्षस थे जो चाहते थे कि हर कोई सिर्फ उनकी ही पूजा करे। वह गुस्से में था कि उसके बेटे ने उसकी पूजा करने से इनकार कर दिया और विष्णु भगवान की भक्ति में लीन रहता है, इसलिए हिरण्यकशिपु ने अपने बेटे को मारने की कई बार कोशिश की। लेकिन हर बार, प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने बचा लिया। अंत में, राक्षस राजा ने अपनी बहन होलिका की मदद लेने का फैसला किया। होलिका के पास एक जादुई शाल थी जो उसे आग से बचाती थी, इसलिए हिरण्यकशिपु ने उसे प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता पर बैठने के लिए कहा लेकिन जैसे ही आग भड़की, शॉल होलिका के बदन से उड़ गया और जाकर प्रह्लाद को ढक लिया, प्रह्लाद बच गया, और होलिका जलकर राख हो गई। इस तरह होली का त्योहार, होलिका दहन की परंपरा का आधार है, जहां होली से एक रात पहले होलिका दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप जगह जगह अलाव जलाया जाता है। फाल्गुन के हिंदू महीने में पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है, जो आमतौर पर फरवरी या मार्च में आती है। होली की सबसे प्राचीन परंपराओं में से एक है कई तरह के रंगीन चूर्ण एक दूसरे पर फेंकना जिसे गुलाल भी कहा जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार इस परंपरा की उत्पत्ति हिंदू भगवान कृष्ण से हुई थी, जो अपने दोस्तों के साथ खेलते कूदते हुए एक दूसरे पर रंगीन पानी और रंगीन पाउडर फेंकते थे। होली खेलने के दौरान लोग गुलाल के अलावा एक-दूसरे पर पानी से भरे गुब्बारे और रंगीन पानी की बाल्टी भी फेंकते हैं। होली सिर्फ एक हिंदू त्योहार नहीं है, यह दुनिया भर में कई अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह इतना लोकप्रिय हो गया है कि अब यह संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम सहित कई गैर-हिंदू देशों में भी मनाया जाता है। होली में एक और लोकप्रिय परंपरा है ठंडाई का सेवन करना। होली, दोस्तों और परिवार के साथ दावत और मिठाई बांटने का भी समय है। होली के कुछ लोकप्रिय व्यंजनों में गुझिया, (मेवे से भरी एक मीठी पेस्ट्री) और ठंडाई, (दूध, मेवों और मसालों से बना एक ठंडा पेय) शामिल हैं। होली क्षमा और मेल-मिलाप का त्योहार है चाहे आप इसे दोस्तों और परिवार के साथ लज़ीज़ पकवान खाते खिलाते मनाएं या रंगीन गुलाल और गीले रंगों के साथ मनाएं, हर रूप में होली एक यादगार अनुभव होता है। लेकिन एक बात का ख्याल जरूर रखें कि जिस रंग का उपयोग होली खेलने में की जा रही है वो ऑर्गेनिक हो यानी उसमें कोई केमिकल ना हो और हाँ, याद रखिए होली सावधानी से, सेफ तरीके से ही खेलना चाहिए और किसी पर ज़बरदस्ती रंग ना डालें। साथ ही पशु पक्षियों को भी परेशान ना करें। ★सुलेना मजुमदार अरोरा ★ #Holi Facts #Holi 2023 You May Also like Read the Next Article