आईएसी विक्रांत से भारतीय नौसेना की मिली बाहुबली की शक्ति आईएसी विक्रांत के आ जाने से नौसेना को बाहुबली की शक्ति मिल गई। अब समुन्द्र की तरफ से आने वाली हर चुनौती का मुँह तोड़ जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। यह भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत है जिसे हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के नाम किया। इस विमान वाहक पोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में की गई और इसे बनाने में लगभग बीस करोड़ रुपये लगे। दरअसल भारतीय नेवी को अपना प्रथम विमान वाहक पोत (एयरक्राफ्ट कैरियर) आईएनएस विक्रांत 1961 में ब्रिटेन से मिला था। By Lotpot 08 Sep 2022 in Stories Positive News New Update आईएसी विक्रांत के आ जाने से नौसेना को बाहुबली की शक्ति मिल गई। अब समुन्द्र की तरफ से आने वाली हर चुनौती का मुँह तोड़ जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। यह भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत है जिसे हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के नाम किया। इस विमान वाहक पोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में की गई और इसे बनाने में लगभग बीस करोड़ रुपये लगे। दरअसल भारतीय नेवी को अपना प्रथम विमान वाहक पोत (एयरक्राफ्ट कैरियर) आईएनएस विक्रांत 1961 में ब्रिटेन से मिला था। 1997 में उसे नेवी से सेवामुक्त कर दिया गया था। अब लगभग पच्चीस वर्ष बाद, भारत को अपना सम्पूर्ण स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर मिला तो फिर से इसका नाम विक्रांत ही रखा गया और इसका शिप नंबर भी वही रखा गया, R-11, बस फर्क इतना है कि आईएनएस एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier Vikrant), अब आईएसी विक्रांत हो गया है और इसके साथ ही भारत उन देशों में से एक बन गया जिसके पास इतना विशाल विमान वाहक तैयार करने की क्षमता हो। अब तक इतना बड़ा विमान वाहक यानी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने वालों में रूस, अमेरिका, ब्रिटेन फ्रांस और चीन ही थे। आई एन एस विक्रांत का एरिया 53 एकड़ तक फैला है और इसका वजन 42, 800 टन है। इसका उड़ान डेक एरिया 12450 स्क्वायर मीटर है जिसमें एक ही समय में बारह फाइटर जेट और 6 हेलिकाप्टर पार्क हो सकते है। इस विमान वाहक पोत में एक छोटा रन वे है और एक लंबा। इसमें 16 बेड वाला अस्पताल, पांच मेडिकल ऑफिसर और पच्चीस सहायक है जो हर तरह की आपात स्थिति को मुस्तैदी से हैंडल करने में सक्षम है। विक्रांत की क्रूजिंग रेंज 7500 नॉटिकल माइल्स अर्थात 13900 किलोमीटर है। यह लगभग 862 फीट लंबा और लगभग 203 फीट चौड़ा और ऊंचाई 194 फीट है और 56 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से समुद्र में आगे बढ़ सकता है। । यह लगभग तीस विमानों तक के एक हवाई समूह को ले जाने की क्षमता रखता है। दो सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस विमान वाहक पोत को लॉन्च करते हुए कहा कि, "जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए विक्रांत उतरेगा तो उसमें नौसेना की बहुत सारी महिला सैनिक भी तैनात होंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ साथ असीम महिला शक्ति, नए भारत की यही पहचान है। विक्रांत विशाल है विराट है, विहंगम है, विशिष्ट है, विशेष है और ये इक्कीसवीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है और यह आत्मनिर्भर होते भारत की एक मजबूत छवि है। यह स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी कुशलता, स्वदेशी कौशल का एक प्रतीक है।" ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ #Lotpot Positive News #Aircraft Carrier Vikrant You May Also like Read the Next Article