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भारत का नाम रौशन करने वाले बच्चों में सोलह साल का किशोर आर प्रज्ञानंद (रमेश बाबू प्रज्ञानंद) का इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। इस किशोर ने पिछले तीन महीनों में दूसरी बार वर्ल्ड के नंबर वन चेस मास्टर मैगनस कार्लसन को हरा दिया। इससे पहले इस चेस ग्रांडमास्टर प्रज्ञानंद ने 21 फ़रवरी को ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में कार्लसन को 39 चाल में मात दे दी थी।
दरअसल चेसेबल मास्टर्स सोलह खिलाड़ियों का ऑनलाइन रैपिड चेस टूर्नामेंट है। टूर्नामेंट में सोलह साल के प्रज्ञानंद तथा उससे लगभग दुगनी उम्र के इकतीस वर्षीय मैगनस कार्लसन के मध्य पाँचवे राउंड में जोरदार रोमांचक मुकाबला चल रहा था, दोनों ही अपने अपने हुनर का जलवा दिखा रहे थे, ऐसा लग रहा था कि दोनों में से कोई भी हारने वाला नहीं है और मैच ड्रॉ होकर रहेगा लेकिन तभी चालीसवीं चाल के बाद कार्लसन ने एक गलत पासा लगाया और वो हार गया और प्रज्ञानंद की जीत हो गई।
प्रज्ञानंद ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतने वाले पांचवे सबसे युवा चेस खिलाड़ी हैं। उनसे पहले अभिमन्यु मिश्रा, गुकेश डी सर्गे, कर्जाकिन तथा जावोखिर सिंडारोवट ने ग्रैंड मास्टर्स का खिताब जीता था।आर प्रज्ञानंद का जन्म 10 अगस्त 2005 को पाड़ी चेन्नई में हुआ। वे प्रसिद्ध इंडियन वुमन ग्रैंडमास्टर एंड इंटरनेशनल मास्टर चेस प्लेयर वैशाली रमेशबाबू का भाई है। खबरों के अनुसार बचपन में वैशाली बहुत टीवी देखती थी, तो उनके माता पिता ने टीवी से ध्यान हटाने के लिए उन्हें चेस खेलने में रुचि दिलाई। बहन का मन चेस में लगा देख, धीरे धीरे प्रज्ञानंद की भी दिलचस्पी चेस की ओर बढ़ने लगी और दोनों भाई बहन इस खेल में माहिर हो गए।
उनके पिता रमेशबाबू, तमिलनाडु स्टेट कॉरपोरेशन बैंक के ब्रांच मैनेजर हैं और माता नागालक्ष्मी होम मेकर है। प्रज्ञानंद ने वेलाममल नेक्सस स्कूल चेन्नई से स्कूलिंग की है। दस वर्ष की उम्र में ही प्रज्ञानंद ने चेस के इतिहास में यंगेस्ट इंटरनेशनल मास्टर का खिताब जीता था।
प्राग (विश्वप्रसिद्ध क्रिकेट चैंपियन सचिन तेंदुलकर ने इसी नाम से उसे संबोधित किया था) ने 2013 मे सात साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप अंडर 8 टाइटल जीता था। प्राग से जब पूछा गया कि वो अब जीत का जश्न कैसे मनाएंगे तो वे बोले, "मेरे माता पिता बहुत खुश हैं, यही मेरे लिए सबसे बड़ी बात है। मैं जीत के बाद ज्यादा सेलिब्रेट नहीं करता। यह तो अभी शुरुआत है, अभी और भी बहुत कुछ करना है, बहुत कुछ सीखना है।"
सुलेना मजुमदार अरोरा