प्रेरक कहानी : अपनी अपनी समझ का फंडा

प्रेरक कहानी : अपनी अपनी समझ का फंडा - (Apni Apni Samajh ka fanda) मृदुला, ए मृदुला, अब बस भी कर। दिन भर गुड्डे गुड़ियों का खेल खेलना पढ़ना नहीं है क्या? ‘‘मम्मी की आवाज सुनकर मृदुला ने अपनी सहेलियों से कहा-अंजू, मीना, अब तुम लोग जाओ, मम्मी नाराज हो रही हैं’

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