शिक्षाप्रद कहानी : डरपोक बकरी को मिला सबक डरपोक बकरी को मिला सबक - एक नदी के किनारे एक घना जंगल था जहां कई जानवर रहते थे। एक बार उस नदी में बाढ़ आ गई। पूरा जंगल पानी में डूब गया। सारे पंछी पेड़ की डालियों पर बैठ गए। हाथी, घोड़े जैसे बड़े जानवरों को कोई खास तकलीफ नहीं थी लेकिन जंगल के छोटे जानवरों का बुरा हाल था। By Lotpot 10 Oct 2023 | Updated On 12 Oct 2023 18:06 IST in Jungle Stories Moral Stories New Update शिक्षाप्रद कहानी : डरपोक बकरी को मिला सबक - एक नदी के किनारे एक घना जंगल था जहां कई जानवर रहते थे। एक बार उस नदी में बाढ़ आ गई। पूरा जंगल पानी में डूब गया। सारे पंछी पेड़ की डालियों पर बैठ गए। हाथी, घोड़े जैसे बड़े जानवरों को कोई खास तकलीफ नहीं थी लेकिन जंगल के छोटे जानवरों का बुरा हाल था। आखिर जंगल का राजा शेर ने नदी किनारे जा कर अपने दोस्त मगरमच्छ को आवाज लगाई, "भाई मगरमच्छ, मेरे प्यारे दोस्त, अगर मेरी आवाज तुम तक पहुँच रही है तो कृपया बाहर आकर मेरी मदद करो।" शेर की आवाज़ सुनकर एक विशालकाय मगरमच्छ पानी से बाहर आ गया। तब शेर ने उससे मदद माँगते हुए कहा कि जंगल में नदी का पानी भर गया है और छोटे जानवरों पर मुसीबत आ गई है। मगरमच्छ कुछ देर सोचता रहा, फिर बोला, "महाराज, मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। नदी के उस पार एक पहाड़ी है, मैं सारे जानवरों को अपनी पीठ पर बैठा कर उस पहाड़ी तक पहुंचा सकता हूँ।" सुनकर शेर बहुत खुश हुआ और जंगल के सारे छोटे जानवरों को नदी किनारे इकट्ठा होकर मगरमच्छ के पीठ पर बैठ जाने को कहा। शेर की बात सुनते ही एक एक करके भेड़, लोमड़ी, सियार बकरी, बिल्ली, खरगोश, सूअर सब उस लंबे चौड़े मगरमच्छ की पीठ पर सवार हो गए। अंत में शेर भी बीच में आ कर बैठ गया। जब मगरमच्छ ने पानी में तैरना शुरू किया तो अचानक बकरी घबराकर चिल्लाने और कूदने फांदने लगी। मगरमच्छ ने उसे शांति से बैठे रहने को कहा लेकिन बकरी मारे डर के इधर उधर उछलती रही जिससे मगरमच्छ का संतुलन बिगड़ने लगा। सारे जानवर परेशान हो गए कि कहीं बकरी के कारण वे सब पानी में गिरकर डूब न जाए। आखिर पास बैठे सियार ने शेर से कहा, "महाराज, अगर आप आज्ञा दें तो मैं बकरी को एकदम शांत कर सकता हूँ।" शेर ने तुरंत आज्ञा दे दी। सियार धीरे धीरे बकरी के पास आया और उसे धक्का देकर नदी के पानी में गिरा दिया। बकरी पानी में गिरकर छटपटाने और चिल्लाने लगी। उसे तैरना नहीं आता था। वो गहरे पानी में डूबने लगी। तब सियार ने मगरमच्छ से बकरी की पूँछ पकड़ कर उसे वापस पीठ पर चढ़ा लेने की विनती की। मगरमच्छ ने ऐसा ही किया। पीठ पर चढ़ते ही बकरी ने राहत की सांस ली और चुपचाप एक कोने में बैठ गयी। तब शेर ने सियार को शब्बाशी देते हुए पूछा, " ये बकरी इतनी शांत कैसे बैठ गई?" सियार ने हंसकर कहा, "महाराज, अब तक उसे ज्ञान नहीं था कि वो कितनी सुरक्षित है, पानी में गिरते ही उसे पता लग गया कि डूबना क्या होता है।" इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि बिना सोचे समझे हमें डरना नहीं चाहिए और हर मुसीबत का हल शांति से निकालना चाहिए। -सलेना मजुमदार अरोरा और पढ़ें : बाल कहानी : जाॅनी और परी बाल कहानी : मूर्खता की सजा बाल कहानी : दूध का दूध और पानी का पानी Like us : Facebook Page You May Also like Read the Next Article