कैरम के बारे में जानकारी आपको लगता होगा की कबड्डी और खोखो की तरह कैरम भी सिर्फ भारत में खेले जाने वाला एक और खेल है। लेकिन ऐसा नहीं है, कैरम का खेल साउथ ईस्ट एशिया में भी फैला हुआ है और इसकी कई अंतर्राष्ट्रीय चैम्पियन भी खेली जा चुकी है। By Lotpot 03 Jan 2020 | Updated On 03 Jan 2020 11:58 IST in Stories Sports New Update आपको लगता होगा की कबड्डी और खोखो की तरह कैरम भी सिर्फ भारत में खेले जाने वाला एक और खेल है। लेकिन ऐसा नहीं है, कैरम का खेल साउथ ईस्ट एशिया में भी फैला हुआ है और इसकी कई अंतर्राष्ट्रीय चैम्पियन भी खेली जा चुकी है। कैरम क्या है? कैरम एक बोर्ड गेम है जो बिलियर्ड और स्नूकर से मेल खाता है लेकिन इसे गेंद और स्टिक से नहीं खेला जाता। यह साउथ ईस्ट एशियाई देश जैसे भारत, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, जापान, मलेशिया और इंडोनेशिया में बहुत मशहूर है। इन देशों में कई कैरम कैफे है जो थोड़े थोड़े समय में कैरम प्रतियोगिता का आयोजन करते रहते है। इतिहास 1988 में अंतर्राष्ट्रीय कैरम फेडरेशन को भारत के चेन्नई शहर में बनाया गया। उसी साल खेल के कुछ रूल बनाये गए। रूल बनने के बाद भारत ने इस खेल को यूरोप, यू एस और कनाडा में फैलाया। कैरम कैसे खेला जाता है? कैरम को प्लास्टिक या फिर लकड़ी के अलग अलग साइज के बोर्ड पर खेला जाता है। इस खेल का मकसद छोटी छोटी गोल और हलके वजन की गिटी जिसे कैरम मेन कहते है, को चार कोनो में बनी चार अलग अलग पाॅकेट में स्ट्राइकर की मदद से डालना पड़ता है। कैरम मेन तीन रंगों यानी काली, सफेद और लाल रंग में होती है। काली और सफेद 9-9 कैरम मेन होते है जिन्हे इस तरह से लगाया जाता है की गोल बन जाये और बीच में लाल कैरम मेन को रखा जाता है और इसे क्वीन भी कहते है। अंतर्राष्ट्रीय कैरम फेडरेशन के मुताबिक कैरम मेन 3.18 से ऊपर 3.02 सेंटीमीटर से कम चैड़ा नहीं होना चाहिए। क्वीन तभी जीती जाती है जब उसके बाद दूसरे कैरम मेन को जीता जाये। कैरम बोर्ड के सरफेस को चिकना बनाने के लिए इसपर बोरिक एसिड पाउडर का इस्तेमाल होता है। टैलकम पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। #carom #Interesting Facts #Lotpot Facts #Rochak Baatein #Sports #कैरम You May Also like Read the Next Article