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नोबेल पुरस्कार: भारतीय प्रतिभा का वैश्विक सम्मान
नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) विश्व का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है, जो शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया जाता है। भारतीय विद्वानों और समाज सेवकों ने अपने काम से वैश्विक पटल पर अमिट छाप छोड़ी है।
नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय नागरिक
भारत के पाँच महान व्यक्तित्वों को इस सर्वोच्च सम्मान से नवाज़ा गया है:
रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore):
वर्ष: 1913
क्षेत्र: साहित्य
विशेषता: वह नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय और पहले एशियाई थे। उन्हें उनकी कविताओं के संग्रह 'गीतांजलि' के लिए सम्मानित किया गया। उनकी रचनाओं ने भारतीय आध्यात्मिक विचारों को पश्चिमी साहित्य जगत में एक नई पहचान दी।
सी. वी. रमन (C. V. Raman):
वर्ष: 1930
क्षेत्र: भौतिक विज्ञान
विशेषता: सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 'रमन प्रभाव' (Raman Effect) की अद्भुत खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। यह खोज बताती है कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुज़रता है तो उसकी तरंगदैर्ध्य (wavelength) बदल जाती है। यह विज्ञान के क्षेत्र में किसी भारतीय को मिला पहला नोबेल था।
मदर टेरेसा (Mother Teresa):
वर्ष: 1979
क्षेत्र: शांति
विशेषता: अल्बानियाई मूल की नागरिक होने के बावजूद, उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत के गरीबों, बीमारों और मरते हुए लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्हें मानव पीड़ा को कम करने और मानवीय कार्यों के लिए शांति पुरस्कार दिया गया।
अमर्त्य सेन (Amartya Sen):
वर्ष: 1998
क्षेत्र: अर्थशास्त्र
विशेषता: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को कल्याणकारी अर्थशास्त्र (Welfare Economics) में उनके योगदान और गरीबी को मापने के लिए उनके काम के लिए यह सम्मान मिला।
कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi):
वर्ष: 2014
क्षेत्र: शांति
विशेषता: उन्हें बच्चों के अधिकारों के लिए उनके दशकों लंबे संघर्ष और बाल श्रम (Child Labor) के ख़िलाफ़ किए गए कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने यह पुरस्कार मलाला यूसुफजई के साथ साझा किया था।
भारतीय मूल के अन्य नोबेल विजेता
कई अन्य भारतीय मूल के वैज्ञानिकों और अर्थशास्त्रियों ने भी यह पुरस्कार जीता, जिन्होंने विदेश में काम किया और उस समय विदेशी नागरिकता धारक थे:
हर गोविंद खुराना (1968, चिकित्सा)
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर (1983, भौतिक विज्ञान)
वेंकटरमन रामकृष्णन (2009, रसायन विज्ञान)
अभिजीत बनर्जी (2019, अर्थशास्त्र)
🇮🇳 भारत रत्न: देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
भारत रत्न (Bharat Ratna) भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल जैसे किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा या उच्चतम स्तर के प्रदर्शन के लिए प्रदान किया जाता है। इस सम्मान को वर्ष 1954 में स्थापित किया गया था।
पुरस्कार के साथ मिलने वाले विशेषाधिकार और लाभ
भारत रत्न पुरस्कार के साथ कोई नकद राशि नहीं दी जाती है, लेकिन यह सम्मान प्राप्तकर्ता को कई महत्वपूर्ण सरकारी सुविधाएँ और विशेषाधिकार प्रदान करता है:
राज्य अतिथि का दर्जा (State Guest Status): भारत में कहीं भी यात्रा करने पर राज्य सरकारों द्वारा इन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाता है, जिसमें उच्च स्तरीय परिवहन, आवास और बोर्डिंग की सुविधाएँ शामिल होती हैं।
राजनयिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport): इन्हें राजनयिक पासपोर्ट (Maroon Cover) जारी किया जाता है। यह पासपोर्ट विदेशों में यात्रा के दौरान विशेष सुविधाएँ (जैसे वीआईपी लाउंज एक्सेस और अलग आव्रजन काउंटर) प्रदान करता है।
वरीयता क्रम में स्थान: इन्हें भारत के वारंटी क्रम (Warrant of Precedence) में एक महत्वपूर्ण स्थान (आमतौर पर सातवाँ) मिलता है, जिसका उपयोग सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता क्रम तय करने के लिए किया जाता है।
सरकारी निमंत्रण: सभी महत्वपूर्ण सरकारी और राष्ट्रीय आयोजनों में इन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है।
अन्य संभावित लाभ: कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इन्हें एयर इंडिया द्वारा आजीवन निःशुल्क यात्रा (Executive Class में) और आवश्यकता पड़ने पर 'Z' श्रेणी की सुरक्षा भी मिल सकती है, हालाँकि इन सुविधाओं पर कोई स्पष्ट और लिखित सरकारी निर्देश नहीं है।
हाल ही में सम्मानित प्रमुख हस्तियाँ
भारत रत्न अब तक कुल 53 महान हस्तियों को प्रदान किया जा चुका है। 2014 के बाद से कुछ प्रमुख प्राप्तकर्ता ये हैं:
| वर्ष | प्राप्तकर्ता | क्षेत्र/विशेषता |
| 2014 | सचिन तेंदुलकर | खेल (क्रिकेट) |
| 2014 | सी. एन. आर. राव | विज्ञान और इंजीनियरिंग |
| 2015 | अटल बिहारी वाजपेयी | सार्वजनिक सेवा |
| 2015 | मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) | शिक्षा और समाज सुधार |
| 2019 | प्रणब मुखर्जी | सार्वजनिक सेवा |
| 2019 | नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) | समाज सेवा |
| 2019 | भूपेन हज़ारिका (मरणोपरांत) | कला और संगीत |
| 2024 (घोषित) | कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत) | सार्वजनिक सेवा |
| 2024 (घोषित) | लाल कृष्ण आडवाणी | सार्वजनिक सेवा |
| 2024 (घोषित) | एम. एस. स्वामीनाथन (मरणोपरांत) | कृषि विज्ञान (हरित क्रांति के जनक) |
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