Facts : 23 अगस्त का भारतीय इतिहास

23 अगस्त का भारतीय इतिहास- 23 अगस्त का दिन भारत के इतिहास में स्वतंत्रता संग्राम, प्रसारण की शुरुआत, राजनीतिक शांति समझौते और भारतीय नेताओं के महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए याद किया जाता है।

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Facts Indian History of 23 August
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23 अगस्त भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। इस दिन स्वतंत्रता सेनानी किशोरी लाल का 1944 में निधन हुआ, जिन्होंने भगत सिंह के साथ स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। 1927 में, इसी दिन भारत में पहली बार रेडियो प्रसारण की शुरुआत हुई थी, जो बाद में ऑल इंडिया रेडियो के रूप में विकसित हुआ। भारत के छठे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म भी 23 अगस्त 1896 को हुआ था। 1987 में, भारत और श्रीलंका के बीच शांति समझौता पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसका उद्देश्य श्रीलंका के तमिल-सिंहली संघर्ष को हल करना था। 1939 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग करने का निर्णय लिया, जो स्वतंत्रता संग्राम की रणनीतिक पहल थी।

23 अगस्त को भारत में हुई महत्वपूर्ण घटनाएं: Facts Indian History of 23 August

  1. स्वतंत्रता सेनानी किशोरी लाल - 23 अगस्त 1944 को, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानी किशोरी लाल का निधन हुआ था। वे भगत सिंह के साथी और क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल थे। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में याद किया जाता है।

  2. भारत में पहला पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग - 23 अगस्त 1927 को, भारत में पहली बार रेडियो प्रसारण की शुरुआत हुई थी। भारतीय प्रसारण सेवा (आईबीएस) ने इस दिन पहली बार मुंबई और कोलकाता से अपनी सेवा शुरू की थी, जो बाद में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के रूप में विकसित हुआ।

  3. पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म - 23 अगस्त 1896 को, भारत के छठे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म हुआ था। उन्होंने 1977 से 1979 तक देश की सेवा की और वे भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे।

  4. श्रीलंका के साथ शांति समझौता - 23 अगस्त 1987 को, भारत और श्रीलंका के बीच शांति समझौता (इंडो-श्रीलंका एकॉर्ड) पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते का उद्देश्य श्रीलंका में तमिल-सिंहली संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना था।

  5. भारत की एकता में योगदान - 23 अगस्त 1939 को, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में ब्रिटिश सरकार के समर्थन में शर्तों के साथ सहयोग करने का निर्णय लिया था। यह निर्णय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय नेताओं के संघर्ष और राजनीतिक रणनीतियों का हिस्सा था।

ये सभी घटनाएं भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और इनका प्रभाव देश की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना पर पड़ा है।

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