विश्व प्रत्यायन दिवस 2025: बच्चों के लिए एक खास दिन
विश्व प्रत्यायन दिवस 2025 हमें सिखाता है कि छोटे व्यवसायों को मजबूत करके हम अपनी दुनिया को बेहतर और सुरक्षित बना सकते हैं। यह बच्चों के लिए भी जरूरी है, क्योंकि यह उनके खिलौने,
विश्व प्रत्यायन दिवस 2025 हमें सिखाता है कि छोटे व्यवसायों को मजबूत करके हम अपनी दुनिया को बेहतर और सुरक्षित बना सकते हैं। यह बच्चों के लिए भी जरूरी है, क्योंकि यह उनके खिलौने,
दिल्ली, भारत की राजधानी, न सिर्फ एक शहर है बल्कि इतिहास का एक जीवंत दस्तावेज भी है। यहाँ की गलियों, स्मारकों और बाजारों में सैकड़ों सालों का इतिहास बसा है। दिल्ली ने कई साम्राज्यों का उदय और पतन देखा है
विज्ञान (Science) सिर्फ किताबों तक ही सीमित नहीं है। इसके अंदर छिपे ऐसे मज़ेदार और हैरान कर देने वाले तथ्य हैं, जो हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को और दिलचस्प बना देते हैं। आइए जानते हैं विज्ञान से जुड़े 30 मज़ेदार फैक्ट्स
सीढ़ियों से गूंजता संगीत: ऐरावतेश्वर मंदिर की जादुई कहानी- हाय, छोटे दोस्तों! आज हम एक ऐसे मंदिर की सैर पर चलते हैं, जहाँ की सीढ़ियाँ संगीत बजाती हैं! है ना मज़ेदार? यह मंदिर इतना खास है कि यहाँ की हर सीढ़ी एक अलग धुन छेड़ती है,
कारें आज हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली कार 4 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थी? इस लेख में कारों से जुड़ा एक अनोखा और रोचक तथ्य दिया गया है
गणेश- तनाव ये बचाने के गुरू अगर भगवान कृष्ण पहले सलाकार थे जिन्होंने परामर्श करने का तरीका सिखाया था तो भगवान गणेश ने हमें तनाव से बचने का तरीका सिखाया है। हमें भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए
एक बार छोटू नाम का बच्चा रात को आकाश में चाँद देख रहा था। उसने मम्मी से पूछा, “मम्मी, चाँद गोल क्यों है? सारे ग्रह गोल क्यों होते हैं? क्या उन्होंने गोल-गोल खाना खा लिया है?” मम्मी हँस पड़ीं, पर सवाल एकदम ज़बरदस्त था! चलिए, इसी सवाल का जवाब ढूंढते हैं
अप्रैल फूल : अप्रैल फूल, जो हर साल 1 अप्रैल को मनाया जाता है, दुनिया भर में मजाक और ठिठोली का दिन है। इस दिन लोग एक-दूसरे को हंसी-मजाक और झूठे मजाकों का शिकार बनाते हैं।
हम सभी ने देखा है कि जब हम लंबे समय तक पानी में रहते हैं — जैसे नहाते समय या तैराकी करते हुए — तो हमारी उंगलियों की त्वचा सिकुड़ जाती है। खासकर हाथ और पैर की उंगलियां झुर्रीदार हो जाती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?