महा कुंभ मेला : 43 करोड़ लोगों का विशाल धार्मिक मेला

कुंभ मेला भारत में मनाया जाने वाला एक ऐसा विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है, जिसमें दुनिया भर से लोग आते हैं। यह मेला चार प्रमुख स्थानों पर लगता है- हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक।

New Update
Maha Kumbh Mela A huge religious fair of 43 crore people

Maha Kumbh Mela A huge religious fair of 43 crore people

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कुंभमेला भारत में मनाया जाने वाला एक ऐसा विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है, जिसमें दुनिया भर से लोग आते हैं। यह मेला चार प्रमुख स्थानों पर लगता है- हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक। कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और इन चार स्थानों पर बारी-बारी से लगता है।

कुंभ मेले का इतिहास

कुंभ मेले का इतिहास बहुत पुराना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और असुरों ने मिलकर अमृत कुंभ (अमृत कलश) पाने के लिए समुद्र मंथन किया था। अमृत पाने के लिए जब देवताओं और असुरों में युद्ध हुआ, तब अमृत की कुछ बूँदें इन चार स्थानों पर गिरीं। इन्हीं स्थानों पर कुंभ मेला लगता है।

कुंभ मेले की खासियतें

स्नान का महत्व:

कुंभ मेले में गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। लोगों का मानना है कि इस स्नान से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति मिलती है।

अखाड़े और साधु-संत:

कुंभ मेले की सबसे बड़ी खासियत है साधु-संतों का जमावड़ा। इसमें अलग-अलग अखाड़ों के साधु-संत आते हैं। नागा साधु, जो पूरे शरीर पर भस्म लगाए रहते हैं, इस मेले में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र होते हैं। प्राचीन समय में कुंभ की तैयारी और स्थान की जानकारी देने के लिए यही अखाड़े महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे, ये धुएं के संकेत, ढोल की आवाज़, कबूतर और संदेश वाहकों का इस्तेमाल करके सभी को कुंभ के समय और स्थान की सूचनाऐं पहुंचते थे।

आस्था और भक्ति:

इस मेले में भक्ति और श्रद्धा का माहौल रहता है। लोग दूर-दूर से पैदल यात्रा करके आते हैं और भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं।

विविध कार्यक्रम और झाँकियाँ:

मेले में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, झाँकियाँ और कथा-प्रवचन होते हैं। बच्चों के लिए खास तौर पर झूले, मिठाइयाँ और मेले की अन्य रंग-बिरंगी चीजें होती हैं।

बच्चों के लिए कुंभ मेला क्यों खास है?

कुंभ मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह बच्चों के लिए बहुत रोचक होता है। यहाँ बच्चे कई नई चीजें देख सकते हैं जैसे:

रंग-बिरंगे झूले और खेल

तरह-तरह के खान-पान

झाँकियों में पौराणिक कहानियों का प्रदर्शन

संतों और साधुओं के अनोखे जीवन के बारे में जानना

कुंभ मेले की विशेषता

कुंभ मेला इतना बड़ा है कि इसे दुनिया का सबसे बड़ा मेला कहा जाता है। यहाँ लाखों लोग एक साथ आते हैं। इस मेले को यूनेस्को ने "मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर" के रूप में भी मान्यता दी है।

कुंभ मेले की व्यवस्था:

प्रयागराज में आयोजित होने वाले इस बार के कुंभ मेले में देश विदेश से लगभग 43 करोड लोगों के पहुंचने की संभावना है जिसके लिए मेला प्रशासन ने जोरदार तैयारी की कर रखी है, लोगों के ठहरने के लिए 4000 कॉटेज की टेंट सिटी बसाई गई है, 10 नए फ्लाईओवर बनाए गए हैं आसपास की 250 सड़कों को चौड़ा किया गया है और 62 चौराहे को विस्तार देने के साथ-साथ उनका सौंदर्य करण भी किया गया है। नदी के संगम में रिवर क्रूज का संचालन भी किया जा रहा है इस कुंभ मेले में लगभग 175 विदेशी राज नायकों के आने की संभावना है इसलिए प्रशासन ने विदेशी मेहमानों को ठहरने और उनके स्वागत का विशेष प्रबंध किया है।

 सुरक्षा व्यवस्था: मेले की सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो 2025 की AI तकनीक को मेला प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, इस बार मेले में 2700 हाई तकनीक और सिक्योरिटी वाले टीथर्ड ड्रोन कैमरे निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा रहे हैं जो इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा कलेक्ट करते हैं.  ये कैमरे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण है. यह डेटा ट्रांसमिशन के लिए बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई वाली जगह से मेले की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में  रूम को महाकुंभ की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी. इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है. मेले की चप्पे-चप्पे की जानकारी हासिल करने के लिए 172 वॉच टावर की स्थापना की गई है स्पेशल आईटी एक्सपट्र्स की टीम को सोशल मीडिया के लिए तैयार किया गया है।

सीख:

कुंभ मेला हमें धर्म, आस्था और एकता का पाठ सिखाता है। यहाँ हर उम्र के लोग मिलते हैं और एक-दूसरे के साथ प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। बच्चों के लिए यह मेला सीखने का एक अनोखा अवसर है, जहाँ वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं को करीब से देख सकते हैं।

कुंभ मेला केवल मेला नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर है। यह मेला हर किसी के लिए यादगार अनुभव देता है। अगर आप कभी कुंभ मेले में जाएँ, तो वहाँ की रौनक, भक्ति और मेल-जोल का आनंद जरूर लें।

 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू होने वाले इस महाकुंभ मेले के बारे में बताते हुए हमारे देश के  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि यह महाकुंभ भारत की संस्कृति और आध्यात्मिक को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा, यह एकता का महायज्ञ कहलाया जाएगा और  प्रयागराज की धरती पर एक नया अध्याय रचेगा।

इन फैक्ट्स को भी पढ़ें:-

मानव शरीर से जुड़े 20 अजब गजब रोचक तथ्य

वीर बाल दिवस: क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास

10 रोचक तथ्य डायनासोर के बारे में

पेड़ और पर्यावरण से जुड़े 20 रोचक तथ्य