क्या है ईस्टर डे का इतिहास, जाने इसके बारे में रोचक जानकारी Easter Day History : ईस्टर, ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है। ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन बाद यीशु पुनर्जीवित हो गए थे। इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मानते हैं। ईस्टर को चालीस सप्ताहों के काल या एक चालीसे के अंत के रूप में भी देखा जाता है, इस काल को उपवास, प्रार्थना और प्रायश्चित करने के लिए माना जाता है। By Lotpot 17 Mar 2020 in Stories Interesting Facts New Update Easter Day History : ईस्टर, ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है। ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन बाद यीशु पुनर्जीवित हो गए थे। इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मानते हैं। ईस्टर को चालीस सप्ताहों के काल या एक चालीसे के अंत के रूप में भी देखा जाता है, इस काल को उपवास, प्रार्थना और प्रायश्चित करने के लिए माना जाता है। चालीस दिनों के आखिरी हफ्ते को शुद्ध हफ्ता माना जाता है। गुड फ्राइडे का दिन यीशु को सूली पर चढ़ाने वाले दिन और उनकी मृत्यु के दिन को श्रद्धांजलि देता है। निम्न लिखित ईस्टर 50 दिन का पूरा दौर है, जिसे ईस्टरटाइड भी कहते हैं और जिसका अंत पेंटेकोस्ट रविवार को होता है। ईस्टर का इतिहास यह Easter Day कब शुरू हुआ? 2वीं सदी में 2वीं सदी के आखिर में लोगों ने बहस की कि क्या धार्मिक परंपरा और जश्न को पासओवर पर या आने वाले रविवार को मनाना चाहिए। उन लोगो ने उसे रविवार को मनाने का फैसला किया और तब से यह रविवार को ही मनाया जाता है। ईस्टर के अंडे 400 ऐ. डी. कई लोग कहते हैं कि यह छोटे खुशी के गोले मध्यकालीन यूरोप से आए थे। लोगों को उपवास के समय अंडे खाने कि इजाजत नहीं थी। तो उस समय जो भी अंडे होते थे, उन्हें तब तक रखा जाता था जब तक उपवास पूरा न हो जाये। इसी तरह ढेर अंडे इकट्ठे हो जाते थे और लोग उन्हें ईस्टर पर खाते थे। और ये भी पढ़ें : होली के बारे में कुछ दिलचस्प बातें, जो आपको जरूर पता होनी चाहिए ईस्टर बन्नी 13वीं शताब्दी? लोग कहते हैं कि ईस्टर बन्नी 13वी शताब्दी से साथ आता है। इस समय कई लोग वसंत और उपजाऊ की देवी इओस्तरा की पूजा करते है। विश्वास हैं की ईओस्तरा खरगोश का प्रतीकात्मक थी और इसी तरह इओस्तरा से ईस्टर बन्नी आया। अण्डों को सजाना 19वी शताब्दी अण्डों को सजाना तब शुरू हुआ जब राजसी लोगों ने अंडे पर सोना अलंकृत करके एक दूसरे को तोहफे के रूप में देना शुरू किया। ईस्टर की मिठाई 1930 1930 में लोगों ने कहा की जेली बीन्स ईस्टर अंडे की तरह दिखती है और इसीलिए उन्होंने ज्यादा जेली बीन बनाना शुरू कर दिया। आज हर साल ईस्टर के लिए 16 बिलियन जेली बीन बनाई जाती है। यह कब मनाया जाता है? वैसे तो यह साल पर आधारित होता है लेकिन ईस्टर को हमेशा 21 मार्च के बाद पूर्णिमा के पहले रविवार को मनाया जाता है। Like our Facebook Page : Lotpot #Interesting Facts #Rochak Baatein #Gk #AcchiBaatein #Amazing #Hindi Knowledge #History #IndiaFacts #LotpotFact #LotpotGyan #LotpotWiki #लोटपोट की दुनिया #Bible #cathalic #charch #Christian #Christianity #Church #Church of England #Crucifixion #crush #Easter #Easter Day #Easter Sunday #Easter Sunday kya hai #Easter sunday kyun manaya jata hai #girjaghar #god #good friday #gyan bhnadhar #Holy Spirit #Holy Week #Jesus #Maundy Thursday #Palm Sunday #Prayer #Resurrection #roman governer pilatush #roman shamrajya #suli #The Cross #yahudi #yarushalam #yeshu history #yeshu ka ithihas You May Also like Read the Next Article