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इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) ने ‘व्योम्मित्र’ नाम के एक मानव-रोबोट बनाया है, जिसे गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जो भारत के मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण मिशन है।
पिछले महीने, इसरो ने जियोसिंक्रोनस सॅटॅलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) के प्रक्षेपण के दौरान गगनयान के पहले परीक्षण-उड़ान के प्रक्षेपण का उल्लेख किया था जो 2020 के अंत तक मानव को अंतरिक्ष में ले जाएगा। गगनयान की उड़न से पहले इस हाफ हुमनोइड ‘व्योम्मित्र’ रोबोट को इसरो अंतरिक्ष में भेजेगा और अध्यन करेगा। यह रोबोट भी इसरो को अपनी रिपोर्ट भेजेगी यह रोबोट उन गतिविधियों और प्रगति की निगरानी कर सकेंगी।
जैसा कि इसरो अपने महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा है, यह हाफ मानव-रोबोट मानव ‘व्योम्मित्र’ अंतरिक्ष यान कार्यक्रम की देखरेख करेगी। इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने कहा “इसे हाफ हुमनोइड कहा जाता है क्योंकि इसके पैर नहीं होते हैं। इसे इस तरह से बनाया गया है कि यह हमेशा इसरो कमांड सेंटर के संपर्क में रहती है।”
First half humanoid that will be a part of @isro Gaganyaan unmanned mission. Humanoid will take off into space this December 2020 pic.twitter.com/BLHFNZNv3S
— Nagarjun Dwarakanath (@nagarjund) January 22, 2020
नागार्जुन द्वारकानाथ ने शेयर किया विडियो
कमर्शियल पायलट नागार्जुन द्वारकानाथ द्वारा शेयर किए गए एक ट्विटर वीडियो में भारत के पहले हाफ हुमनोइड ‘व्योम्मित्र’ की झलक दिखाई गई है। यह मनुष्यों की नकल करने में सक्षम है, यहाँ अपने आप में बेहद खास हैं यह ह्यूमनॉइड अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक साथी के रूप में भी कार्य कर सकता है, उनके साथ बातचीत कर सकता है और यहां तक कि प्रत्येक व्यक्ति को बोर्ड पर भी पहचान सकता है। कहा जाता है कि बोर्ड पर कई सेंसर हैं, जो मानव रहित अंतरिक्ष मिशन के दौरान इसरो के वैज्ञानिकों को डेटा इकट्ठा करने में मदद करेंगे, जिसे दिसंबर 2020 और जून 2021 में लॉन्च किया जाना है।
पिछले साल मंगलयान की सफलता और चंद्रयान -2 की निकट सफलता के बाद, इसरो ग्लोबल अंतरिक्ष तकनीक में सुर्खियों में है। यह देखा जाना बाकी है कि क्या अन्य हाई प्रोफाइल इंडियन स्पेस मिशनों की तरह ही गगनयान भी उतनी ही कमाई करेगा।
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