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Classroom decorated with funny sayings of Chellaram Photograph: (Classroom decorated with funny sayings of Chellaram)
चेलाराम की मजाकिया और तर्कसंगत बातें हमेशा क्लासरूम को हंसी से भर देती हैं। टीचर जब परीक्षा की तैयारी के बारे में पूछती हैं, तो चेलाराम का जवाब होता है कि उसकी तैयारी Wi-Fi जैसी है – कभी फुल सिग्नल और कभी नो कनेक्शन। यह चुटकुला सुनकर क्लास में सब ठहाके मारने लगते हैं।
एक दिन पिता अपने बेटे चेलाराम को समझा रहे थे कि शेर के बच्चे कभी रोते नहीं। इस पर चेलाराम ने ऐसा जवाब दिया जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर दे – “पापा, शेर के बच्चे कभी स्कूल भी नहीं जाते।” इस जवाब ने पिता को भी हंसी से झकझोर दिया।
इसी तरह, एक बार क्लास में टीचर ने देखा कि इम्तिहान के दौरान चेलाराम और उसके दोस्त बातें कर रहे हैं। टीचर ने सख्ती से पूछा कि बातें क्यों हो रही हैं, तो चेलाराम ने मासूमियत से जवाब दिया कि वे ग्रुप डिस्कशन कर रहे थे। यह सुनते ही क्लास में हर कोई हंसने लगा।
चेलाराम की बातों में उसकी समझदारी और हाजिरजवाबी छिपी होती है। उसकी मासूमियत और मजाकिया अंदाज बच्चों और बड़ों को हंसाने का काम करता है। ये छोटे-छोटे चुटकुले न केवल बच्चों को हंसाते हैं बल्कि उनकी कल्पनाशक्ति और तर्कशीलता को भी उजागर करते हैं।
चेलाराम की बातें साबित करती हैं कि हंसी-मजाक जीवन का अहम हिस्सा है, और इसका इस्तेमाल सीखने-सिखाने के माहौल को भी रोचक बना सकता है।
परीक्षा
टीचर: तुम्हारी परीक्षा की तैयारी कैसी चल रही है?
चेलाराम: बिलकुल Wi-Fi जैसी।
टीचर: मतलब?
चेलाराम: कभी फुल सिग्नल तो कभी नो कनेक्शन।
शेर के बच्चे
पिता: चुप हो जा बेटा, शेर के बच्चे कभी रोते नहीं।
चेलाराम: पापा, शेर के बच्चे कभी स्कूल भी नहीं जाते।
ग्रुप डिस्कशन
टीचर: इम्तिहान के बीच में बातें क्यों हो रही हैं?
चेलाराम: वो मैम, हम ग्रुप डिस्कशन कर रहे थे।