बच्चों की मासूमियत भरे जोक्स- बच्चों की मासूमियत और उनकी नटखट बातें हमेशा मुस्कान ला देती हैं। उनका हर मज़ाक, हर संवाद उनके मासूम दिमाग की क्रिएटिविटी और समझ का हिस्सा होता है। उदाहरण के लिए, जब चेलाराम ने मच्छर मारने के लिए स्कूल से बाहर भेजे जाने की वजह बताई, तो यह मज़ाक सिर्फ हंसी नहीं लाता बल्कि सिखाता है कि बच्चों का मासूम दिमाग कैसे काम करता है। उनके सवाल और जवाब उनके अपने अनोखे नजरिए को दिखाते हैं।
यामुंडा का डीजे खरीदने की ज़िद भी कुछ ऐसा ही है। यह सिर्फ एक मासूम जिद नहीं, बल्कि यह बच्चों की सोच का दर्पण है। उनका "सब सो जाएंगे तब बजाऊंगा" वाला वादा यह बताता है कि बच्चे अपने तरीके से समझौता करना भी जानते हैं।
और चेलाराम का "मुंह में पानी आना" मुहावरे का मजेदार प्रयोग यह बताता है कि बच्चों की सोच कितनी सटीक और वास्तविक होती है। उनके लिए हर शब्द का मतलब सीधा और साफ होता है।
बच्चों की यह बातें हमें हंसाने के साथ-साथ यह सिखाती हैं कि दुनिया को देखने का एक सरल और सकारात्मक नजरिया हमेशा बनाए रखना चाहिए। उनकी मासूमियत में सच्चाई छुपी होती है और हर मज़ाक के पीछे एक सीख। इसलिए बच्चों की बातें और उनके मज़ाक को सराहें, क्योंकि यही छोटी-छोटी खुशियाँ जीवन को सुंदर बनाती हैं।
1. मच्छर
पिता : क्या हुआ बेटा, आज जल्दी घर आ गए?
चेलाराम : मैंने एक मच्छर मार दिया तो मैम ने भगा दिया।
पिता : क्या? एक मच्छर मारने पे स्कूल से भगा दिया?
चेलाराम : मच्छर मैम के गाल पर बैठा था।
2. डीजे
यामुंडा : पापा मुझे डीजे खरीद के दो।
पिता : नहीं दूँगा, तू लोगों को तंग करेगा।
यामुंडा : नहीं पापा, मैं किसी को तंग नहीं करूंगा, जब सब सो जाएंगे तब मैं बजाऊंगा।
3. पानी
टीचर : इस मुहावरे को वाक्य में प्रयोग करके बताओ - मुंह में पानी आना।
चेलाराम : जैसे ही मैंने नल की टोंटी से मुंह लगाकर नल चालू किया-मेरे मुंह में पानी आ गया।