संगति का असर – A Jungle Story with Moral for Kids

आज हम एक ऐसी jungle story with moral in Hindi सुनने जा रहे हैं, जिसमें दो दोस्तों की संगति ने उनके जीवन का रास्ता ही बदल दिया। तो चलिए चलते हैं जंगल के उस कोने में, जहाँ ये कहानी शुरू होती है।

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A Jungle Story with Moral for Kids
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संगति का असर : बच्चों, आपने सुना होगा — "जैसी संगत वैसी रंगत।" लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि संगति का असर (effect of company) जानवरों की दुनिया में कैसा होता होगा?

आज हम एक ऐसी jungle story with moral in Hindi सुनने जा रहे हैं, जिसमें दो दोस्तों की संगति ने उनके जीवन का रास्ता ही बदल दिया।
तो चलिए चलते हैं जंगल के उस कोने में, जहाँ ये कहानी शुरू होती है।


🌳 जंगल में दो दोस्त: चिंपू और मोंटी

बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में दो अच्छे दोस्त रहते थे —
चिंपू बंदर, जो चंचल और मेहनती था, और मोंटी भालू, जो थोड़ा सुस्त और मस्तीखोर था।

चिंपू हमेशा सुबह उठकर फल तोड़ता, कूदता, सीखता और सबकी मदद करता था।
वहीं मोंटी को देर तक सोना, ज़्यादा खाना और दिनभर गप्पें मारना पसंद था।

एक दिन मोंटी ने चिंपू से पूछा,
"अरे यार, तू दिनभर इतना काम क्यों करता है? चल, मेरे साथ मज़े कर!"

चिंपू ने मुस्कराते हुए कहा,
"काम करने से मुझे खुशी मिलती है, और कुछ नया सीखने को भी मिलता है। लेकिन थोड़ा समय मैं तेरे साथ मस्ती करने भी आऊँगा।"

(Jungle story for kids with moral)


🐻 संगति का असर शुरू हुआ...

धीरे-धीरे चिंपू मोंटी की संगति में ज़्यादा समय बिताने लगा।
अब वो भी देर से उठता, दिनभर मस्ती करता और काम में मन नहीं लगता।

A Jungle Story with Moral for Kids

कुछ दिनों बाद, जंगल में एक बड़ा बदलाव हुआ।
मक्खियों का झुंड जंगल में फैल गया और खाने की चीज़ों पर बैठने लगा। सभी जानवरों को साफ-सफाई और सतर्कता की सलाह दी गई।

चिंपू ने पहले तो इसे हल्के में लिया, लेकिन अब उसका शरीर भी सुस्त रहने लगा था।
मोंटी ने कहा,
"अरे चिंता मत कर! सब ठीक हो जाएगा, चल चल, थोड़ी झील किनारे घूम आते हैं।"


🌧️ जब असली परीक्षा आई...

एक दिन जंगल में भारी बारिश हुई और कई पेड़ों से फल गिर गए।
सभी जानवर जल्दी-जल्दी खाने का इंतज़ाम करने लगे।
चिंपू और मोंटी भी निकले लेकिन उनके पास ना तो खाना जमा था, ना कोई योजना।

भूख से परेशान होकर चिंपू ने कहा,
"काश मैंने मोंटी के साथ इतना समय ना बिताया होता और अपने पुराने रूटीन को बनाए रखा होता।"

मोंटी भी पछताया और बोला,
"दोस्त, तेरी मेहनती संगति मुझ पर असर डाल सकती थी, लेकिन उल्टा हो गया। अब हमें मिलकर कुछ करना होगा।"


🌞 सीख और नया बदलाव

अगले दिन से दोनों ने मिलकर एक योजना बनाई।

  • चिंपू ने फिर से जल्दी उठना शुरू किया

  • मोंटी ने भी दिन का एक हिस्सा साफ-सफाई और मदद में लगाना शुरू किया

  • दोनों ने एक-दूसरे को प्रोत्साहित किया

कुछ ही दिनों में उनके पास फल जमा हो गए, शरीर भी फिट हो गया और फिर से वो जंगल के सबसे समझदार जोड़ी कहलाने लगे।

(Moral story in Hindi for kids, effect of bad company story)


📚 निष्कर्ष: क्या सीख मिलती है "संगति का असर" से?

  1. अच्छी संगति से आप और बेहतर बन सकते हैं।

  2. बुरी संगति धीरे-धीरे आपके अंदर आलस और नुकसान भर देती है।

  3. दोस्ती ज़रूरी है, लेकिन उससे भी ज़रूरी है सही दिशा में साथ देना।

इस कहानी से हमें ये भी सीख मिलती है कि अगर हम गलती कर भी लें, तो समय रहते सुधरना भी बड़ी समझदारी होती है।


अगर आपको "संगति का असर" पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों, स्कूल या घर में ज़रूर सुनाएं।
क्योंकि अच्छी संगति, अच्छी कहानी की तरह – हमेशा दिल में रह जाती है!
📖🌿🐒

Tags : sangati ka asar story in Hindi | kids moral story in hindi | story on good company and bad company

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