/lotpot/media/media_files/2025/12/03/bachchon-ki-jungle-kahani-chinu-chidya-aur-bharosa-2025-12-03-13-41-18.jpg)
प्यारे बच्चों, क्या आप जानते हैं कि दोस्ती में सबसे ज़रूरी चीज़ क्या होती है? यह प्यार, खेल या बातें करना नहीं, बल्कि भरोसा है। भरोसा, यानी विश्वास, एक ऐसा मज़बूत बंधन होता है जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है। जब हम किसी पर भरोसा करते हैं, तो हम जानते हैं कि मुश्किल समय में वह हमारा साथ देगा, चाहे कुछ भी हो जाए।
आज हम एक बहुत ही प्यारी और सबक सिखाने वाली जंगल की कहानी पढ़ेंगे, जिसका नाम है "चिनु चिड़िया और भरोसा"। यह कहानी हमें एक छोटी सी चिड़िया 'चिनु' और उसके दोस्त 'रोहन हाथी' के बारे में बताएगी। इस कहानी से हम सीखेंगे कि कैसे झूठे डर को त्यागकर सच्चा भरोसा करना, हमें बड़ी मुश्किलों से बचा सकता है।
छोटा जंगल और चिनु चिड़िया का डर
एक हरे-भरे छोटे
चिनु का एक बहुत अच्छा दोस्त था, रोहन नाम का एक विशाल, लेकिन बहुत ही शांत और दयालु हाथी। रोहन हमेशा चिनु की मदद करता था। जब भी कोई शिकारी आता, रोहन अपनी सूंड से चिनु के घोंसले को छिपा देता था।
एक दिन, चिनु अपने घोंसले के लिए तिनके इकट्ठा कर रही थी, तभी वहाँ एक चालाक
लोमड़ी: "अरे चिनु, तुम इतनी मेहनत क्यों कर रही हो? मैं तुम्हें कुछ शानदार तिनके बताती हूँ। चलो मेरे साथ।"
चिनु को लगा कि लोमड़ी शायद उसे फँसाना चाहती है, इसलिए उसने मना कर दिया और तुरंत वहाँ से उड़ गई। उसे हर किसी पर शक होने लगा।
भरोसे की परीक्षा
एक हफ़्ते बाद, जंगल में भयंकर बारिश हुई। मूसलाधार बारिश के कारण चिनु का घोंसला टूट गया और वह बेघर हो गई। उसे पता था कि रोहन हाथी उसकी मदद करेगा।
चिनु भीगते हुए रोहन के पास गई। रोहन एक बड़े पेड़ के नीचे खड़ा था।
रोहन हाथी: "अरे चिनु! तुम भीग गईं! घबराओ मत, तुम मेरी पीठ पर चढ़ जाओ। मेरी पीठ इतनी बड़ी है कि तुम्हें यहाँ कोई बारिश नहीं छू पाएगी।"
चिनु को लगा कि रोहन सही कह रहा है। वह रोहन की पीठ पर चढ़ गई। लेकिन थोड़ी देर बाद चिनु के दिमाग में फिर शक आया।
'अगर रोहन मुझे पीठ पर बिठाकर किसी गड्ढे या नदी में फेंक दे तो? वह तो इतना बड़ा है कि उसे पता भी नहीं चलेगा,' चिनु ने सोचा।
चिनु डर के मारे काँपने लगी और तुरंत रोहन की पीठ से उड़कर पेड़ की एक टूटी हुई डाल पर जा बैठी।
रोहन हाथी: "चिनु! तुम वहाँ क्यों गईं? वह डाल बहुत कमजोर है। तुम गिर जाओगी!"
लेकिन चिनु ने डरते हुए कहा, "नहीं रोहन, मुझे तुम पर भरोसा नहीं है। तुम बहुत बड़े हो और मैं बहुत छोटी। तुम कभी भी मेरी बात नहीं सुनोगे।"
रोहन का सच्चा दिल और चिनु का पछतावा
रोहन हाथी ने चिनु की बात सुनी और दुखी हो गया। वह जानता था कि चिनु को डर लग रहा है, लेकिन उसे इस बात का दुख हुआ कि चिनु को उस पर ज़रा भी भरोसा नहीं था।
रोहन ने बिना कुछ कहे, अपनी मज़बूत सूंड उठाई और धीरे से उस टूटी हुई डाल के नीचे टिका दी, जिस पर चिनु बैठी थी।
तेज़ बारिश के कारण डाल और कमज़ोर हो गई, और वह टूटने ही वाली थी। जैसे ही डाल टूटी, रोहन ने अपनी सूंड से चिनु को प्यार से उठाकर अपनी पीठ पर वापस बिठा लिया।
रोहन ने बड़े प्यार से कहा, "चिनु, मैं तुम्हारा दोस्त हूँ। मैंने हमेशा तुम्हारी रक्षा की है। अगर मुझे तुम्हें गड्ढे में फेंकना होता, तो मैं तुम्हें पीठ पर चढ़ने को कहता ही नहीं। दोस्ती का मतलब ही भरोसा होता है।"
चिनु की आँखों में आँसू आ गए। वह समझ गई कि उसने अपने झूठे डर के कारण अपने सबसे सच्चे दोस्त पर शक किया। उसने तुरंत रोहन से माफी माँगी।
चिनु चिड़िया: "रोहन, मुझे माफ़ कर दो। मेरा डर मुझ पर हावी हो गया था। आज मुझे पता चला कि सच्चा भरोसा ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।"
रोहन ने मुस्कुराते हुए कहा, "कोई बात नहीं, दोस्त। बस यह याद रखना कि जिस पर तुम भरोसा करते हो, उसे हमेशा यह जताना चाहिए।"
उस रात, चिनु सुरक्षित रूप से रोहन की पीठ पर सोई, और उसे पता चला कि भरोसा करना कितना सुकून देता है।
सीख (Moral of the Story)
यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में भरोसा करना बहुत ज़रूरी है। जब हम किसी सच्चे दोस्त पर भरोसा करते हैं, तो हम अपनी आधी चिंताएँ दूर कर लेते हैं। हमें कभी भी झूठे डर या शक के कारण अपने रिश्तों को कमज़ोर नहीं करना चाहिए। सच्चा भरोसा ही दोस्ती का सबसे मज़बूत आधार होता है, और यह हमें मुश्किलों में सबसे बड़ी ताकत देता है।
और पढ़ें :
जंगल कहानी : स्मार्ट कबूतर की चतुराई
Jungle Story : चुहिया की होशियारी
Tags : Jungle Stories | Best Jungle Stories | Hindi Jungle Stories | hindi jungle stories for kids | Jungle Stories for Kids | jungle stories in hindi
