जंगल की हलचल नीला सियार - सच को छिपाना मुश्किल- बहुत समय पहले की बात है, जंगल में एक चतुर सियार रहता था। वह अपनी चालाकी के लिए मशहूर था। एक दिन सियार जंगल से निकल कर गाँव के तरफ चल दिया, वहां गाँव में अनजान जानवर को देख वहां के कुत्तों ने ऊपर हमला कर दिया उनसे बचने के चक्कर में वो एक रंगरेज के बनाये हुए नीले रंग की हौदी में गिर गया। नीले रंग की वजह से उसका पूरा शरीर नीले रंग में रंग गया था। जब वह वापस जंगल में लौटा, तो उसका नीला रंग देखकर सारे जानवर चौंक गए। सियार का नया रूप हाथी, हिरण, बंदर, और शेर सभी ने सियार को हैरानी से देखा। हाथी ने पूछा, “अरे, यह तो सियार जैसा लगता है, पर इसका रंग नीला क्यों है?”सियार तुरंत अपनी चालाकी दिखाते हुए बोला, “मैं तो भगवान का दूत हूँ। मुझे यहाँ शांति और सौहार्द लाने के लिए भेजा गया है। अब से, मैं आप सबका राजा हूँ। सभी मेरे आदेश का पालन करेंगे।” सियार का राज सभी जानवर उसकी बातों में आ गए और उसे अपना राजा मान लिया। सियार को हर दिन स्वादिष्ट फल और भोजन मिलता। वह मजे से दिन बिताने लगा। लेकिन, उसकी चालाकी ज्यादा समय तक टिक नहीं सकी। असली सच्चाई का पर्दाफाश एक रात, सियार को पुराने दोस्तों की याद आ गई। वह उनकी तरह जोर-जोर से हुआँ-हुआँ करने लगा। जंगल के सभी जानवर जाग गए और समझ गए कि वह कोई भगवान का दूत नहीं, बल्कि वही पुराना सियार है। हाथी ने गुस्से में कहा, “अरे, तुमने हमें धोखा दिया! हमसे झूठ बोला!”बंदर ने हँसते हुए कहा, “चलो, इस सियार को उसकी सही जगह दिखाते हैं।”सब जानवर मिलकर सियार के पीछे भागे। डर के मारे सियार जंगल छोड़कर भाग गया। कहानी से सीख यह कहानी हमें सिखाती है कि झूठ और चालाकी से कोई भी सफलता स्थायी नहीं होती। सच को छिपाना मुश्किल होता है, और सच्चाई हमेशा बाहर आ ही जाती है। और पढ़ें : Jungle Kahani : हंस और उल्लू जंगल कहानी : स्मार्ट कबूतर की चतुराई जंगल कहानी : भूलक्कड़ हाथी Jungle Story : चुहिया की होशियारी