जंगल कहानी - बूढ़ा बगुला और सर्प का उपाय:- किसी जंगल में एक विशाल वृक्ष था, जहाँ बगुलों के कई परिवार रहते थे। उनका जीवन शांतिपूर्ण और सुखमय था। लेकिन, उसी पेड़ के एक कोटर में एक विषैला काला सांप भी रहता था। जब भी बगुलों के बच्चे उड़ने लायक नहीं होते, वह सांप उन्हें खा जाता। यह समस्या बगुलों के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई थी। सभी बगुले परेशान थे, लेकिन किसी के पास इसका समाधान नहीं था।
एक दिन, अपनी व्यथा से हताश होकर एक बूढ़ा बगुला नदी किनारे जाकर रोने लगा। उसकी आंखें आंसुओं से लाल हो चुकी थीं। उसी समय एक केकड़ा वहां से गुजरा। उसने बगुले को रोते हुए देखा और पूछा, "मामा, आप इतने परेशान क्यों हैं?" बगुले ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "प्रिय, हमारे पेड़ के कोटर में एक काला सांप रहता है। वह हमारे बच्चों को खा जाता है। मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा हूं।" यह सुनकर केकड़ा गंभीर हो गया और सोचने लगा।
थोड़ी देर बाद, केकड़ा बोला, "मामा, आप इस समस्या को हल करने के लिए चतुराई का सहारा लीजिए। एक उपाय है, लेकिन आपको साहस और धैर्य से काम लेना होगा।" उत्सुक बगुले ने पूछा, "क्या उपाय है?" केकड़े ने मुस्कुराते हुए कहा, "आप मछलियों के छोटे-छोटे टुकड़े लेकर सांप के कोटर से लेकर नेवले के बिल तक बिखेर दीजिए। नेवला मछली की खुशबू पाकर सांप तक पहुंचेगा और उसे मार डालेगा।"
बूढ़े बगुले को यह उपाय पसंद आया। वह तुरंत नदी से मछलियां लेकर आया और केकड़े की योजना के अनुसार उन्हें सांप के कोटर से नेवले के बिल तक रख दिया। कुछ ही समय में नेवला मछलियों की गंध पाकर सांप के पास पहुंचा और उसे मार डाला। अब बगुलों का जीवन फिर से सुखद हो गया। उनके बच्चों को कोई खतरा नहीं था, और बगुले के चेहरे पर राहत की चमक थी।
बूढ़ा बगुला और सर्प का उपाय कहानी से सीख:
किसी भी समस्या को हल करने से पहले उसकी गहराई को समझना और बुद्धिमानी से काम लेना आवश्यक है। सही सलाह और धैर्य से कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
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