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"माँ का प्यार: चिड़िया की ममता की कहानी" में एक चिड़िया अपने चार बच्चों—चुनमुन, गुनगुन, फुरफुर और टुनटुन—के लिए बारिश में खाना लाने की हिम्मत करती है। तेज बारिश के बावजूद वह किसान के आँगन से अनाज लाकर अपने बच्चों की भूख मिटाती है। यह कहानी माँ की ममता और बलिदान को दर्शाती है। (Chidiya Ki Mamta Story Summary, Hindi Moral Tale)
कहानी: बारिश में माँ की मेहनत (The Story: A Mother’s Effort in the Rain)
एक हरे-भरे जंगल में, एक ऊँचे नीम के पेड़ पर चिड़िया ने अपना छोटा सा घोंसला बनाया था। उस घोंसले में उसके चार नन्हे-मुन्ने बच्चे रहते थे—चुनमुन, गुनगुन, फुरफुर और टुनटुन। चिड़िया के बच्चे अभी बहुत छोटे थे और उड़ना नहीं जानते थे। हर दिन चिड़िया उनके लिए जंगल से कीड़े, दाने और फल लाकर उन्हें प्यार से खिलाती थी। वह अपने बच्चों से कहती, "मेरे प्यारे बच्चों, तुम चिंता मत करो। माँ हूँ ना, मैं तुम्हें कभी भूखा नहीं रहने दूँगी।" बच्चे उसकी बात सुनकर खुश हो जाते और चहचहाने लगते।
बारिश और बच्चों की भूख (Rain and the Hungry Chicks)
एक दिन जंगल में बहुत तेज बारिश होने लगी। काले बादल गरज रहे थे और बिजली चमक रही थी। चिड़िया अपने घोंसले में बच्चों के साथ बैठी थी। तभी उसके नन्हे बच्चों को जोर-जोर से भूख लगने लगी। चुनमुन ने कहा, "माँ, मुझे बहुत भूख लगी है। कुछ खाने को लाओ ना।" गुनगुन ने भी रोते हुए कहा, "हाँ माँ, मेरा पेट दुख रहा है।" फुरफुर और टुनटुन भी चीं-चीं करके रोने लगे।
चिड़िया अपने बच्चों का रोना देखकर परेशान हो गई। उसने उन्हें प्यार से चुप कराने की कोशिश की। वह बोली, "बस मेरे लाडलों, थोड़ा सब्र करो। माँ अभी कुछ लेकर आती है।" लेकिन बच्चे भूख से तड़प रहे थे, और चुप होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। चिड़िया सोच में पड़ गई। उसने सोचा, "इतनी तेज बारिश में खाना कहाँ से लाऊँ? लेकिन अगर खाना नहीं लाई, तो मेरे बच्चे भूखे रह जाएँगे।"
माँ की हिम्मत (The Mother’s Courage)
चिड़िया ने हिम्मत जुटाई। उसने अपने बच्चों को देखा और कहा, "तुम लोग घोंसले में ही रहना, माँ अभी आई।" फिर उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए बारिश में उड़ान भर दी। बारिश इतनी तेज थी कि चिड़िया के पंख पूरी तरह भीग गए। वह बिजली की चमक से डर रही थी, लेकिन बच्चों की भूख उसके डर से बड़ी थी।
चिड़िया जंगल के पास एक गाँव में पहुँची। वहाँ एक किसान के घर के आँगन में कुछ अनाज और फल बिखरे पड़े थे। किसान शायद जल्दबाजी में उन्हें उठाना भूल गया था। चिड़िया ने जल्दी से अपनी छोटी सी चोंच में जितने दाने समा सकते थे, उतने अनाज भर लिए। उसने कुछ छोटे-छोटे फल भी उठाए और तेजी से अपने घोंसले की ओर उड़ चली।
बच्चों की खुशी (The Joy of the Chicks)
घोंसले में पहुँचते ही चिड़िया ने अपने बच्चों को अनाज और फल खिलाए। चुनमुन ने खुश होकर कहा, "माँ, ये दाने बहुत स्वादिष्ट हैं!" गुनगुन ने चहकते हुए कहा, "माँ, तुम सबसे अच्छी हो!" फुरफुर और टुनटुन ने भी खाना खाकर अपनी माँ को प्यार से देखा। बच्चों का पेट भर गया और वे चुप हो गए। अब वे आपस में खेलने लगे। चिड़िया ने राहत की साँस ली और सोचा, "मेरे बच्चों की भूख मिट गई, बस यही मेरी सबसे बड़ी खुशी है।"
चिड़िया का एहसास (The Mother’s Realization)
उस दिन चिड़िया को एक बात समझ आई। उसने सोचा, "मेरे बच्चों को भूख लगी तो वे रोने लगे। लेकिन मैं तो हूँ उनके लिए। अगर मुझे भूख लगे, तो मैं भी अपनी माँ को याद करती हूँ। माँ की ममता इस दुनिया में सबसे अनमोल है।" उसने अपने बच्चों से कहा, "मेरे प्यारों, माँ हमेशा तुम्हारा ध्यान रखेगी। तुम बस खुश रहो।" बच्चों ने चहचहाकर अपनी माँ को धन्यवाद दिया।
सीख (Moral of the Story)
बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि माँ की ममता इस दुनिया में सबसे बड़ी है। चिड़िया ने अपनी जान जोखिम में डालकर भी अपने बच्चों की भूख मिटाई। हमें अपनी माँ की कद्र करनी चाहिए और उनके प्यार को समझना चाहिए, क्योंकि माँ हमेशा हमारी भलाई के लिए सोचती है। (Lesson on Mother’s Love, Motivational Story for Kids)
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