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Owl dream: unique story of becoming king
उल्लू का सपना: राजा बनने की अनोखी कहानी:- बहुत समय पहले की बात है। एक सुंदर हरा-भरा बाग था, जहाँ तरह-तरह के पक्षी रहते थे—तोता, मैना, तीतर, बटेर, कोयल, कबूतर, चिड़िया और उल्लू। उन सभी में उल्लू सबसे अलग था—न सिर्फ दिखने में, बल्कि सोचने में भी।
उल्लू अकसर सोचता, "मैं दिन में नहीं दिखता, रात में देखता हूँ, मेरे पास अनोखी आँखें हैं। बाकी पक्षियों की तरह नहीं। क्या मैं पक्षियों का राजा नहीं बन सकता?"
एक दिन जब उल्लू बहुत खुश था, उसने निर्णय लिया—"अब समय आ गया है कि मैं पक्षियों का राजा बनूं!" उस दिन वह उड़ते हुए बाग के बीचोंबीच पहुँचा और ऊँचे पेड़ पर बैठकर जोर से बोला, "सभी पक्षी मेरी बात ध्यान से सुनें! आज से मैं इस बाग में रहने वाले सभी पक्षियों का राजा बनना चाहता हूँ!"
यह सुनते ही पूरे बाग में खलबली मच गई। सभी पक्षी इकट्ठा हुए—कोयल, मैना, तोता, चिड़िया, बटेर, कबूतर, और भी कई। उल्लू ने गर्व से अपनी बात दोहराई, "मैं ही राजा बनने लायक हूँ। मैं रात को देख सकता हूँ, मेरे पंख चुपचाप उड़ते हैं, मैं शिकार को बिना आवाज़ के पकड़ सकता हूँ। ऐसे गुण किसी में नहीं!"
एक चिड़िया आगे आई और बोली, "राजा बनने के लिए केवल गुण नहीं, दया, समझ और साथ निभाने की भावना भी चाहिए। आप तो रात में उड़ते हैं, जब सब सो रहे होते हैं। आप हमें क्या देखेंगे?"
उल्लू ने तुरंत उत्तर दिया, "मैं रात में भी देख सकता हूँ, तो इसका मतलब मैं हर खतरे को पहले भाँप सकता हूँ। दिन में तो सब देख लेते हैं, असली राजा वही होता है जो अंधेरे में भी राह दिखाए!"
तोते ने हँसते हुए कहा, "आप तो खुद इतने गंभीर और डरावने लगते हैं, बच्चे तो आपकी शक्ल देखकर ही डर जाएँ। राजा वो होना चाहिए जो सबका प्यारा हो।"
मैना बोली, "राजा वो होता है जो सबकी बात सुने, सबके दुख-सुख में साथ दे। आपने कभी किसी की परेशानी सुनी है?"
बटेर ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा, "आपकी चाल ही देखो, हमेशा झटके में चलती है, और आवाज़ ऐसी कि डर ही जाए कोई।"
उल्लू थोड़ा गुस्सा हुआ लेकिन शांत रहते हुए बोला, "तो क्या सिर्फ सुंदर दिखने वाला ही राजा बन सकता है? मैं तो लक्ष्मी माता की सवारी हूँ। पुराणों में उल्लू को शुभ माना गया है!"
सब पक्षी चुप हो गए। तभी कबूतर बोला, "लेकिन सिर्फ पुरानी कहानियों से कोई राजा नहीं बनता, राजा वो होता है जो जनता की सेवा करे।"
अब चिड़िया ने प्रस्ताव रखा, "चलो एक परीक्षण करते हैं। हम सब राजा चुनने के लिए एक परीक्षा लेंगे। जो सबसे अच्छा उत्तर देगा, वही हमारा राजा बनेगा।"
सबने हामी भर दी।
चुनौती थी—"अगर कोई ऐसी स्थिति आए जिसमें सब पक्षी डर गए हों, तो राजा क्या करेगा?"
तोता बोला, "मैं सबसे पहले उड़ जाऊँगा और खतरे से दूर चला जाऊँगा।"
कोयल ने कहा, "मैं अपने सुरों से सबको शांत रखूँगी।"
मैना बोली, "मैं जंगल के जानवरों को बुलाकर मदद माँगूँगी।"
उल्लू ने गंभीर आवाज़ में कहा, "मैं रात में उड़कर पहले खतरे को पहचानूँगा, फिर सबको सुरक्षित मार्ग दिखाऊँगा।"
यह सुनकर कुछ पक्षी प्रभावित हुए। लेकिन फिर बटेर ने कहा, "पर आप दिन में क्या करेंगे? जब हम जाग रहे हों तब आप सोते हैं!"
अब पक्षियों ने मिलकर फैसला किया—"राजा वह होना चाहिए जो हर समय जागरूक हो, न कि सिर्फ रात में। जो सबको समझे, सबका साथ दे और हमें डरा कर नहीं, प्यार से चलाए।"
सबने एकमत से चिड़िया को राजा चुना क्योंकि वह न केवल बुद्धिमान थी, बल्कि संवेदनशील और हमेशा साथ देने वाली भी थी।
उल्लू चुपचाप उड़ गया। वह जान गया कि राजा बनने के लिए केवल गुण या खासियत नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण जरूरी होता है।
✨ कहानी से सीख (Moral of the Story)
यह बच्चों की हिंदी कहानी हमें सिखाती है कि सिर्फ अनोखा होना या अलग दिखना ही नेतृत्व की पहचान नहीं है। एक अच्छा राजा वही होता है जो सबके साथ खड़ा हो, सबकी बात सुने और हमेशा सबकी भलाई चाहे। गुणों के साथ-साथ दयालुता और समझ भी जरूरी होती है।
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