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जंगल कहानी : 🐍 सांप भी मरे, लाठी भी न टूटे- हरे-भरे जंगल में सभी जानवर खुशी-खुशी रहते थे। वहाँ भोलू भालू, चिंटू बंदर, गप्पू खरगोश और मिठू तोता जैसे कई दोस्त थे। लेकिन उनकी मस्ती में खलल डालने के लिए एक नई परेशानी आ गई – 'कल्लू सांप'!
🐍 कल्लू सांप की धमाचौकड़ी!
कल्लू सांप बहुत शरारती था। वह जंगल के बीचो-बीच रास्ते पर बैठ जाता और जो भी जानवर वहाँ से गुजरता, उसे डराने लगता। अगर कोई हाथी भी वहाँ से गुजरता, तो कल्लू ज़ोर से "फुफ्फ्फ्फ़!" करके उसे भी डरा देता।
भोलू भालू, जो थोड़ा आलसी था, हर बार सांप से डरकर धड़ाम से गिर जाता। चिंटू बंदर को पेड़ पर चढ़ना पड़ता, और गप्पू खरगोश तो डर के मारे बिल्ली की तरह कूद कर भागता।
🤔 समस्या का हल – मगर कैसे?
सभी जानवर इकट्ठा हुए और सोचा कि "हमें कल्लू सांप को सबक सिखाना होगा, लेकिन उसे नुकसान भी न हो!"
चिंटू बंदर के दिमाग में एक जबरदस्त आइडिया आया! उसने कहा, "हम कल्लू सांप को डराने के लिए एक नकली नागराज बनाएँगे!"
🎭 नकली नागराज की योजना!
गप्पू खरगोश ने सूखी लकड़ियों से और भोलू भालू ने कीचड़ और पत्तों से एक बहुत ही डरावना नकली नागराज बना दिया। मिठू तोते ने अपनी आवाज में "फुफ्फ्फ्फ़!" की नकल करने की प्रैक्टिस की।
रात होते ही, सभी जानवर नकली नागराज को कल्लू सांप के रास्ते पर रख आए। जैसे ही कल्लू वहाँ पहुँचा, तो मिठू ने ज़ोर से नागराज की नकल उतारी – "फुफ्फ्फ्फ़! मैं जंगल का असली नाग हूँ!"
कल्लू सांप इतना डर गया कि सीधा नदी में कूद पड़ा! 😆
🎉 खुशियों की बारिश!
अब जंगल में सब चैन से घूमने लगे। कल्लू सांप भी समझ गया कि दूसरों को डराना अच्छी बात नहीं। वह अब सबका दोस्त बन गया।
सबने मिलकर खूब जश्न मनाया और मिठू तोते को ‘जंगल का सबसे चतुर पक्षी’ का खिताब दिया!
📖 सीख:
"बुद्धिमानी से हर समस्या का हल निकल सकता है – सांप भी मरे, लाठी भी न टूटे!" 🎭✨