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Story of two goats- a sensible lesson
"दो बकरियों की कहानी" में मिनी और रानी नाम की दो बकरियाँ एक तंग पुल पर मिलती हैं, जहाँ दोनों के लिए गुज़रने की जगह नहीं है। दोनों में बहस हो जाती है कि कौन पीछे हटे। मिनी अपनी ताकत दिखाना चाहती है, लेकिन रानी समझदारी से कहती है कि अगर वे लड़ेंगी, तो दोनों नदी में गिरकर डूब जाएँगी। रानी नीचे झुकती है, और मिनी उसके ऊपर से गुज़र जाती है। इस तरह, दोनों समझदारी से पुल पार कर लेती हैं और अपनी जान बचाती हैं। (Two Goats Story Summary, Moral Story in Hindi)
दो बकरियों की कहानी: एक समझदारी भरा सबक
एक हरे-भरे जंगल में एक छोटी-सी नदी बहती थी। उस नदी पर एक पुराना, तंग लकड़ी का पुल था, जो इतना छोटा था कि एक बार में सिर्फ़ एक जानवर ही उससे गुज़र सकता था। एक दिन, सुबह-सुबह, एक बकरी जिसका नाम मिनी था, उस पुल को पार कर रही थी। मिनी बहुत तेज़ी से चल रही थी, क्योंकि उसे दूसरी तरफ के जंगल में अपने दोस्तों से मिलने जाना था। वह गुनगुनाते हुए बोली, "आज मैं अपने दोस्तों के साथ खूब मज़ा करूँगी!"
लेकिन जब वह पुल के बीच में पहुँची, तो उसकी मुलाकात दूसरी बकरी, जिसका नाम रानी था, से हो गई। रानी भी दूसरी तरफ से आ रही थी और उसे भी जल्दी थी। पुल इतना तंग था कि दोनों के लिए एक साथ गुज़रने की जगह ही नहीं थी। मिनी ने रानी को देखकर कहा, "अरे, तुम पीछे हट जाओ! मैं पहले जा रही हूँ। इस पुल पर दोनों के लिए जगह नहीं है।"
रानी ने गुस्से से जवाब दिया, "मैं क्यों पीछे हटूँ? मैं भी तो इसी रास्ते से जा रही हूँ। तुम क्यों नहीं पीछे जाती?" मिनी ने अपनी छाती फुलाकर कहा, "क्योंकि मैं तुमसे ज़्यादा ताकतवर हूँ! तुम्हें पीछे हटना होगा।" रानी ने भी हार नहीं मानी और बोली, "तुम मुझसे ज़्यादा ताकतवर नहीं हो! मैं भी ताकतवर हूँ। देखते हैं कौन ज़्यादा मज़बूत है!"
झगड़ा और समझदारी का सबक (The Argument and the Lesson of Wisdom)
मिनी ने गुस्से में अपने सींग आगे किए और बोली, "अभी देख लेते हैं! मैं तुम्हें धक्का देकर हटा दूँगी!" रानी ने भी अपने सींग तैयार किए और कहा, "आओ, देखते हैं कौन जीतता है!" दोनों बकरियाँ अपने सींगों से एक-दूसरे को धक्का देने लगीं। लेकिन तभी रानी को एकदम से कुछ समझ आया। उसने रुककर कहा, "मिनी, रुको! अगर हम इस तरह लड़ते रहे, तो हम दोनों इस तंग पुल से नदी में गिर जाएँगे और डूब जाएँगे। पानी बहुत गहरा है, हमें बचाना भी मुश्किल होगा।"
मिनी ने रानी की बात सुनी और थोड़ा शांत होकर बोली, "हम्म, तुम ठीक कह रही हो। लेकिन फिर हम करें क्या?" रानी ने समझदारी से जवाब दिया, "मेरे पास एक सुझाव है। मैं नीचे झुक जाती हूँ, और तुम मेरे ऊपर से गुज़र जाओ। फिर मैं भी पार कर लूँगी। इससे हम दोनों की जान भी बचेगी और हम अपनी-अपनी मंज़िल तक पहुँच जाएँगे।"
मिनी ने रानी की बात मानी और कहा, "यह तो बहुत अच्छा विचार है! ठीक है, तुम झुको, मैं ऊपर से गुज़र जाती हूँ।" रानी ने समझदारी दिखाते हुए पुल पर नीचे झुककर लेट गई। मिनी सावधानी से उसके ऊपर से गुज़र गई। फिर रानी भी उठी और पुल पार कर लिया। दोनों ने एक-दूसरे को मुस्कुराकर देखा और बोलीं, "हमने मिलकर यह काम कर लिया!" इसके बाद दोनों अपने-अपने रास्ते पर खुशी-खुशी चली गईं। (Two Goats on Bridge Story, Cooperation Lesson for Kids)
जंगल में खुशहाली (Happiness in the Jungle)
उस दिन के बाद, मिनी और रानी अच्छी दोस्त बन गईं। उन्होंने जंगल के बाकी जानवरों को भी अपनी कहानी सुनाई। सारे जानवरों ने रानी की समझदारी की तारीफ़ की और कहा, "रानी, तुमने बहुत अच्छा काम किया! अगर तुमने समझदारी न दिखाई होती, तो आप दोनों को बहुत नुकसान हो सकता था।" मिनी ने भी कहा, "हाँ, मैंने भी रानी से बहुत कुछ सीखा। अब मैं कभी बेवजह लड़ाई नहीं करूँगी।" इस तरह, जंगल में सभी जानवरों ने मिलकर रहना सीख लिया। (Jungle Story for Kids, Friendship and Wisdom Tale)
सीख (Moral of the Story)
बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि समझदारी और सहयोग से हर मुश्किल को हल किया जा सकता है। मिनी और रानी ने लड़ने की बजाय एक-दूसरे की मदद की और अपनी जान बचाई। हमें भी दूसरों से लड़ने की जगह समझदारी से काम लेना चाहिए। अगर हम एक-दूसरे का साथ दें और मिलकर काम करें, तो हर परेशानी आसान हो जाती है। रानी की तरह हमें भी दूसरों की भलाई के बारे में सोचना चाहिए। (Lesson on Cooperation, Wisdom Over Strength for Kids)
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