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तालाब के दोस्त: मेंढक और केकड़े की कहानी:- यह बेस्ट हिंदी स्टोरी जंपू नाम के मेंढक और उसके दोस्त क्लिपी नाम के केकड़े की है, जो बारिश के खतरे से बचने के लिए एक-दूसरे का साथ देते हैं। अपनी एकता और साहस से वे मुश्किल से बाहर निकलते हैं और फिर से खुशी से जीवन बिताते हैं।
एक बार एक शांत और हरा-भरा तालाब था, जहां का पानी साफ और चमकदार था। इस तालाब में एक मेंढक रहता था, जिसका नाम था जंपू। जंपू अपने तालाब के किनारे पत्तों के नीचे खेलना और पानी में छलांगें लगाना पसंद करता था। उसका एक खास दोस्त था, एक केकड़ा, जिसका नाम था क्लिपी। दोनों की दोस्ती तालाब के सभी जीवों के लिए एक मिसाल थी।
जंपू और क्लिपी की दोस्ती कई सालों पुरानी थी। वे दिन-रात एक साथ समय बिताते, एक-दूसरे के साथ मस्ती करते और तालाब के चारों ओर घूमते। जंपू कभी अकेलापन महसूस नहीं करता था, क्योंकि क्लिपी हमेशा उसके साथ हंसी-खुशी रहता था। वे एक-दूसरे की मदद करते और मुश्किल वक्त में एक-दूसरे का सहारा बनते।
एक दिन आकाश में काले बादल छा गए और जोरदार बारिश शुरू हो गई। बारिश की वजह से तालाब का पानी तेजी से बढ़ने लगा। जंपू ने यह देखा और चिंता में पड़ गया। वह तुरंत क्लिपी के पास किनारे पर पहुंचा और बोला, “क्लिपी भाई, यह पानी बहुत तेजी से बढ़ रहा है! अगर हम यहीं रहे, तो बह जाएंगे। हमें किसी सुरक्षित जगह जाना चाहिए।”
क्लिपी ने गंभीरता से जंपू की बात सुनी और कहा, “हां, जंपू, तुम सही कह रहे हो। चलो, हम दोनों मिलकर कोई ऊंची जगह ढूंढते हैं। लेकिन सावधान रहना, पानी की धारा बहुत तेज है!” दोनों ने हिम्मत जुटाई और एक-दूसरे का हाथ थाम लिया। जंपू ने अपनी छलांगों से रास्ता बनाया, जबकि क्लिपी अपनी मजबूत चिमटियों से संतुलन बनाए रखा।
रास्ते में बारिश और तेज हो गई, और पानी की लहरें उन्हें हिलाने लगीं। एक पल के लिए क्लिपी फिसल गया, लेकिन जंपू ने उसे अपनी पीठ पर बिठा लिया और कहा, “चिंता मत कर, मैं तुझे नहीं छोड़ूंगा!” क्लिपी ने मुस्कुराते हुए कहा, “धन्यवाद, जंपू! तू मेरे लिए वरदान है।” आखिरकार, दोनों ने तालाब के किनारे एक ऊंची चट्टान पर पहुंचकर राहत की सांस ली।
वहां बैठकर क्लिपी ने जंपू से कहा, “अगर तूने मुझे समय रहते चेतावनी न दी होती, तो मैं आज यहां नहीं होता। तेरा दोस्ती का साथ मेरे लिए बहुत कीमती है।” जंपू ने हंसते हुए जवाब दिया, “और तूने मेरा साथ छोड़ा होता, तो मैं अकेला डर जाता। हमारी दोस्ती ही हमारी ताकत है!”
कुछ घंटों बाद बारिश रुक गई, और तालाब का पानी धीरे-धीरे सामान्य होने लगा। जंपू और क्लिपी ने फैसला किया कि वे अब और सावधानी बरतेंगे। उन्होंने तालाब के पास एक छोटा सा शेल्टर बनाया, जहां वे भविष्य में सुरक्षित रह सकें। धीरे-धीरे तालाब के अन्य जीव भी उनके पास आए और उनकी बहादुरी की तारीफ की। मछलियां, कछुए और बतखों ने उनकी दोस्ती की कहानी को तालाब भर में फैला दिया।
एक दिन, जब सूरज की किरणें तालाब पर पड़ रही थीं, जंपू और क्लिपी ने फिर से खेलना शुरू कर दिया। वे एक-दूसरे के साथ नई-नई चालें सीखते और हंसते-खेलते दिन बिताते। उनकी यह दोस्ती न सिर्फ उन्हें मजबूती देती थी, बल्कि तालाब के सभी जीवों के लिए प्रेरणा बन गई।
सीख
यह मोटिवेशनल स्टोरी बच्चों को सिखाती है कि सच्ची दोस्ती और आपसी सहयोग से हर मुश्किल को आसानी से पार किया जा सकता है। जीवन में एक-दूसरे का साथ देना ही सफलता की कुंजी है।
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