शेर की चालाकी और बैलों की एकता (The Lion’s Trick and the Unity of the Bulls)

"शेर की चालाकी और बैलों की एकता" कहानी में एक शेर चार बैलों की दोस्ती तोड़ने की कोशिश करता है। वह उनमें नफरत फैलाता है, लेकिन जब वह एक बैल पर हमला करता है, तो बाकी तीन उसकी मदद के लिए आते हैं।

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The Lion Trick and the Unity of the Bulls
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"शेर की चालाकी और बैलों की एकता" कहानी में एक शेर चार बैलों की दोस्ती तोड़ने की कोशिश करता है। वह उनमें नफरत फैलाता है, लेकिन जब वह एक बैल पर हमला करता है, तो बाकी तीन उसकी मदद के लिए आते हैं। उनकी एकता शेर को हरा देती है। (Unity Story in Hindi, Lion and Bulls Tale)

एक हरे-भरे जंगल में चार बैल रहते थे—मोती, हीरा, मोनू और बाली। ये चारों आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे। दिन हो या रात, वे हमेशा साथ रहते थे। चाहे चारा खाने जाना हो या पानी पीने नदी किनारे पहुँचना हो, चारों एक-दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ते थे। उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि जंगल के सारे जानवर उनकी मिसाल देते थे।

लेकिन जंगल का राजा शेर, जिसे सब शेरू कहते थे, उनसे बहुत परेशान था। शेरू की आँखों में चारों बैलों का मांस हमेशा चमकता था। वह मन-ही-मन सोचता, "अरे, अगर ये चारों में से कोई एक भी अकेला मिल जाए, तो मैं उसे मारकर पेट भर लूँ।" लेकिन उसकी ये ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो पाती थी। चारों बैल हमेशा झुंड में रहते थे और अपने बड़े-बड़े सींगों से किसी भी खतरे का सामना करने को तैयार रहते थे। शेरू उनके सींगों से डरता था और हमेशा दूर से ही उन्हें देखकर भाग जाता।

शेर की चालाकी

एक दिन शेरू ने ठान लिया, "अब बहुत हो गया! ये चारों कभी अलग नहीं होते। मुझे कोई ऐसी तरकीब सोचनी होगी, जिससे इनकी दोस्ती टूट जाए।" उसने एक चालाकी भरा प्लान बनाया। वह सबसे पहले मोती के पास गया। शेरू ने मीठी-मीठी बातें शुरू कीं और कहा, "मोती भाई, तुम तो बहुत ताकतवर हो, लेकिन क्या बताऊँ, तुम्हारे दोस्त हीरा, मोनू और बाली तुम्हारे बारे में बहुत बुरा-भला कहते हैं। मैंने सुना कि वे तुम्हें मूर्ख समझते हैं और कहते हैं कि तुम्हारे बिना उनका झुंड ज्यादा अच्छा होगा।"

मोती को ये बात सुनकर बहुत गुस्सा आया। उसने सोचा, "मैंने तो हमेशा अपने दोस्तों का साथ दिया, और वे मेरे बारे में ऐसा सोचते हैं?" उसने बिना सोचे-समझे अपने दोस्तों से बात करना बंद कर दिया। वह अकेले चरने लगा और झुंड से अलग रहने लगा।

शेरू ने यही चाल हीरा, मोनू और बाली के साथ भी चली। उसने हीरा से कहा, "मोनू कहता है कि तुम बहुत आलसी हो।" मोनू से कहा, "बाली कहता है कि तुम डरपोक हो।" और बाली से कहा, "मोती और हीरा कहते हैं कि तुम उनके लायक नहीं हो।" बस, शेरू की इन बातों ने चारों दोस्तों के बीच दरार डाल दी। अब वे एक-दूसरे से नाराज़ हो गए और अलग-अलग रहने लगे।

एकता की जीत

शेरू को अब अपनी चाल कामयाब होती दिखी। उसने सोचा, "अब तो मेरा काम बन गया!" एक दिन उसने अकेले चर रहे मोती पर हमला कर दिया। शेरू की दहाड़ सुनकर मोती डर गया, लेकिन तभी दूर से हीरा, मोनू और बाली ने उसे देख लिया। तीनों बैल दौड़कर आए और अपने बड़े-बड़े सींगों से शेरू पर हमला कर दिया। शेरू डरकर भाग खड़ा हुआ।

The Lion Trick and the Unity of the Bulls

मोती ने अपने दोस्तों को गले लगाया और बोला, "मुझे माफ कर दो, दोस्तों! मैं शेर की बातों में आ गया। उसने कहा था कि तुम लोग मुझे मूर्ख समझते हो। लेकिन आज तुमने मेरी जान बचाकर साबित कर दिया कि हमारी दोस्ती सबसे बड़ी ताकत है।"

हीरा ने हँसते हुए कहा, "अरे मोती, हम भी तो उसकी चाल में फँस गए थे। लेकिन अब हम समझ गए कि एकता में ही हमारी ताकत है।" मोनू और बाली ने भी हामी भरी और चारों ने वादा किया कि वे कभी एक-दूसरे से अलग नहीं होंगे।

शेर की हार

शेरू दूर जाकर अपनी हार पर पछताने लगा। उसने सोचा, "मैंने इनकी दोस्ती तोड़ने की कोशिश की, लेकिन इनकी एकता ने मुझे हरा दिया।" चारों बैल फिर से पहले की तरह साथ रहने लगे और जंगल में उनकी दोस्ती की मिसाल दी जाने लगी।

सीख (Moral of the Story)

बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि एकता में बहुत बड़ी ताकत होती है। मोती, हीरा, मोनू और बाली ने अपनी दोस्ती की वजह से शेर को हरा दिया। हमें भी अपने दोस्तों और परिवार के साथ हमेशा एकजुट रहना चाहिए, ताकि कोई भी मुसीबत हमें नुकसान न पहुँचा सके। (Lesson on Unity, Moral Story for Kids)

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