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The inspiring story of obedience- courage and lesson of a boy - Best Hindi Story
आज्ञाकारिता की प्रेरक कहानी: एक लड़के का साहस और सबक - Best Hindi Story
कहानी: माँ की आज्ञा का महत्व - यह बेस्ट हिंदी स्टोरी एक लड़के, राहुल की है, जो अपनी माँ की आज्ञा को न मानकर जंगल में चला गया और एक शेर से सामना हो गया। माँ के समय पर पहुँचने से उसकी जान बची। इस घटना ने उसे आज्ञाकारिता और माता-पिता की सलाह के महत्व को समझाया।
एक छोटे से गाँव में एक लड़का अपनी माँ के साथ सुखपूर्वक रहता था। उसका नाम था राहुल, जो अपनी माँ के बहुत प्यार का पात्र था। माँ उसे अपने साथ रखती थीं और अकेले बाहर जाने की इजाजत नहीं देती थीं, क्योंकि वे उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती थीं। लेकिन राहुल अब बड़ा महसूस करने लगा था। उसने सोचा, "मैं तो अब जवान हो गया हूँ, हर जगह माँ के पीछे-पीछे क्यों जाऊँ? मुझे आजादी चाहिए!" उसने मन में ठान लिया कि वह अपनी माँ से बिना बताए एक दिन बाहर निकलेगा।
एक सुबह, जब माँ गहरी नींद में थीं, राहुल चुपके से घर से निकल पड़ा। उसका मन था कि वह पास के जंगल में जाकर खेल-कूद करे। वह एक हरे-भरे मैदान में पहुँचा, जहाँ पक्षियों की चहचहाहट और हवा की सरसराहट ने उसे खुश कर दिया। वह उछल-कूद करने लगा और फूलों के साथ खेलने लगा। लेकिन थोड़ी देर बाद उसे प्यास लगी। उसने सोचा, "पास की नदी में जाकर पानी पी लेता हूँ।"
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नदी के किनारे पहुँचकर उसने पानी पीना शुरू किया, लेकिन तभी उसकी नजर ऊपर पड़ी। वहाँ एक विशाल शेर खड़ा था, जो अपनी लाल आँखों से उसे घूर रहा था। शेर ने अपने होंठ चाटे और धीरे से दहाड़ा, "अरे छोटा इंसान, तूने मेरी नदी का पानी क्यों गंदा कर दिया? अब मैं कैसे पीऊँगा?" राहुल का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। वह डर से काँपते हुए बोला, "नहीं, शेर भैया, मैंने पानी गंदा नहीं किया। नदी तो ऊपर से नीचे बह रही है, जहाँ तुम खड़े हो, वहाँ से मेरी तरफ आ रही है।"
शेर एक पल को चुप हो गया, मानो सोच रहा हो कि इस जवाब का क्या करे। फिर उसने गर्जना की, "चालाक है तू! लेकिन तेरा ये बहाना मुझसे नहीं चलेगा। अब तुझे सजा देता हूँ!" राहुल की हालत खराब हो गई। वह पीछे हटने लगा और मन ही मन प्रार्थना करने लगा, "हे भगवान, मुझे बचा लो!"
तभी पीछे से एक मधुर आवाज आई, "राहुल, तुम यहाँ अकेले क्यों आए हो? जल्दी मेरे पास दौड़ो!" यह उसकी माँ थीं, जो उसे ढूँढते हुए वहाँ पहुँच गई थीं। राहुल ने पीछे मुड़कर देखा और चिल्लाया, "माँ, बचाओ! शेर मेरा पीछा कर रहा है!" माँ ने उसे तेजी से बुलाया, "बेटा, डर मत, मेरी ओर भागो!" राहुल ने अपनी पूरी ताकत से दौड़ लगाई और माँ के गले लग गया। माँ ने उसे कसकर पकड़ा और जंगल की घनी झाड़ियों में छिप गईं। शेर नाकामयाब होकर दहाड़ता रहा, लेकिन उन्हें नहीं पा सका।
घर पहुँचकर राहुल की साँसें अभी भी भारी थीं। माँ ने प्यार से उसका माथा सहलाया और कहा, "बेटा, मैं तुम्हारी सुरक्षा के लिए ही कहती हूँ कि अकेले न जाओ। आज तुम्हें अपनी गलती का अहसास हुआ न?" राहुल ने आँखें नीची करके कहा, "हाँ माँ, मुझे माफ कर दो। मैं अब कभी बिना बताए नहीं जाऊँगा।" माँ ने मुस्कुराकर कहा, "ठीक है बेटा, बस मेरी बात मानो और सुरक्षित रहो।"
उस दिन से राहुल ने फैसला किया कि वह हमेशा माँ की आज्ञा का पालन करेगा। वह अपनी माँ के साथ समय बिताने लगा और उन्हें हर छोटी-बड़ी बात में सलाह लेने लगा। एक दिन उसने अपनी माँ से कहा, "माँ, अगर आपकी बात न मानता तो आज शायद मैं यहाँ नहीं होता। आपकी आज्ञा ही मेरी रक्षा का कवच है।" माँ ने गर्व से उसकी पीठ थपथपाई और कहा, "बेटा, यही तो असली साहस है—मेरी बात मानना और अपनी गलती से सीखना।"
सीख
इस मोटिवेशनल स्टोरी से हमें यह सबक मिलता है कि माता-पिता की आज्ञा का पालन करना और उनकी सलाह मानना कितना जरूरी है। यह न केवल हमारी सुरक्षा करता है, बल्कि हमें जीवन के सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा भी देता है।
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