प्यार से भरा डिब्बा: एक छोटी लड़की की प्यारी कहानी

"प्यार से भरा डिब्बा" कहानी में एक पिता अपनी तीन साल की बेटी मिया को सुनहरे कागज़ बर्बाद करने के लिए डाँटता है। मिया ने वह कागज़ एक डिब्बे को सजाने में इस्तेमाल किया था।

By Lotpot
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A unhappy girl and a river lesson- learning of life
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"प्यार से भरा डिब्बा" कहानी में एक पिता अपनी तीन साल की बेटी मिया को सुनहरे कागज़ बर्बाद करने के लिए डाँटता है। मिया ने वह कागज़ एक डिब्बे को सजाने में इस्तेमाल किया था। अगले दिन, मिया अपने पिता को वह डिब्बा तोहफे में देती है, लेकिन पिता उसे खाली देखकर फिर डाँटता है। मिया बताती है कि उसने डिब्बे में ढेर सारा प्यार भरा है। पिता को अपनी गलती का एहसास होता है, लेकिन बाद में मिया की मृत्यु हो जाती है। पिता उस डिब्बे को यादगार के रूप में रखता है। (Pyar Se Bhara Dibba Summary, Moral Story in Hindi)

कहानी: सुनहरा डिब्बा और पिता की गलती (The Story: The Golden Box and Father’s Mistake)

कई साल पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक पिता और उसकी तीन साल की प्यारी बेटी मिया रहते थे। पिता का नाम था रमेश। रमेश बहुत मेहनती था, लेकिन उसके पास पैसे बहुत कम थे। वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था, पर कभी-कभी गुस्सा भी हो जाता था। एक दिन, क्रिस्मस का त्योहार नज़दीक था। मिया बहुत खुश थी। उसने अपने घर में एक छोटा-सा क्रिस्मस ट्री सजाया। उसने एक सुनहरे कागज़ को लिया और उससे एक डिब्बे को सजाया। उसने डिब्बे को बहुत प्यार से लपेटा और क्रिस्मस ट्री के नीचे रख दिया।

रमेश ने जब यह देखा, तो उसे बहुत गुस्सा आया। उसने मिया को डाँटते हुए कहा, "मिया, तुमने यह सुनहरा कागज़ क्यों बर्बाद किया? तुम्हें पता है न कि हमारे पास पैसे कम हैं? यह बहुत गलत किया तुमने!" मिया की आँखों में आँसू आ गए, और वह चुपचाप अपने कमरे में चली गई। (Christmas Story for Kids, Father-Daughter Love Story)

मिया का तोहफा और पिता का पछतावा (Mia’s Gift and Father’s Regret)

A unhappy girl and a river lesson- learning of life

अगली सुबह, क्रिस्मस का दिन था। मिया अपने सजाए हुए डिब्बे को लेकर अपने पापा के पास दौड़कर गई। उसने खुशी से कहा, "पापा, यह तोहफा आपके लिए है! मैंने इसे बहुत प्यार से बनाया है।" रमेश ने अपनी बेटी की मासूम मुस्कान देखी और उसे गले लगाया। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने कहा, "मिया, मुझे माफ़ कर दो। मैंने तुम्हें कल बेकार में डाँटा। चलो, देखते हैं तुमने मेरे लिए क्या लाया है।"

रमेश ने डिब्बा खोला, लेकिन वह खाली था। उसे फिर से गुस्सा आ गया। उसने मिया से कहा, "मिया, तुम्हें नहीं पता कि जब कोई तोहफा देता है, तो डिब्बे में कुछ रखना होता है? यह तो खाली है!" मिया की आँखों में फिर से आँसू आ गए। उसने धीरे से कहा, "पापा, यह खाली नहीं है। मैंने इसमें आपके लिए ढेर सारा प्यार भरा है। वह सब आपके लिए है।"

पिता का प्यार और एक दुखद मोड़ (Father’s Love and a Sad Turn)

रमेश की आँखें नम हो गईं। उसने तुरंत मिया को अपनी बाहों में भर लिया और कहा, "मिया, मेरा प्यारा बच्चा, मुझे माफ़ कर दो। मैंने तुम्हारी भावनाओं को नहीं समझा। तुम्हारा यह प्यार मेरे लिए दुनिया की सबसे कीमती चीज़ है।" उसने मिया को ढेर सारा प्यार दिया और दोनों ने मिलकर क्रिस्मस की खुशियाँ मनाईं।

लेकिन कुछ समय बाद, एक दुखद हादसे में मिया की मृत्यु हो गई। रमेश बहुत दुखी हो गया। उसने मिया का सुनहरा डिब्बा अपने पास रख लिया। जब भी वह उदास होता, वह उस डिब्बे को निकालता और मिया के प्यार को याद करता। उसे लगता कि मिया का प्यार उस डिब्बे में अभी भी मौजूद है, जो उसे हिम्मत देता था। (Emotional Hindi Story for Kids, Love-Filled Box Story)

सीख (Moral of the Story)

बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि प्यार सबसे कीमती तोहफा है। मिया ने अपने पिता को सुनहरा डिब्बा दिया, जिसमें उसका ढेर सारा प्यार था। हमें अपने परिवार और दोस्तों के प्यार की कद्र करनी चाहिए, क्योंकि यह किसी भी महँगी चीज़ से ज़्यादा अनमोल है। हमें कभी भी दूसरों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचानी चाहिए, बल्कि उनके प्यार को समझना और उसकी इज़्ज़त करनी चाहिए। (Lesson on Value of Love, Family Bonding Story for Kids)

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