/lotpot/media/media_files/2024/12/27/MBZtl9p5w9LWQWgVN8O1.jpg)
आम की टोकरी- यह कविता एक मासूम और चंचल बच्ची की कहानी है, जो अपनी टोकरियां भरकर बाजार में आम बेचने जाती है। वह नटखट अंदाज में आम दिखाती है, लेकिन उनके दाम नहीं बताती। यह कविता बच्चों की मासूमियत और उनकी चंचलता को खूबसूरती से दर्शाती है। अंत में, कविता हमें सिखाती है कि आनंद और सादगी बच्चों की जिंदगी का सबसे बड़ा गहना है।
आम की टोकरी
छह साल की छोकरी,
भरकर लाई टोकरी।
टोकरी में आम हैं,
नहीं बताती दाम है।
दिखा-दिखाकर टोकरी,
हमें बुलाती छोकरी।
हमको देती आम है,
नहीं बुलाती नाम है।
नाम नहीं अब पूछना,
हमें आम है चूसना।