कितनी बड़ी दिखती होंगी – एक रोचक कल्पना
"कितनी बड़ी दिखती होंगी" एक रोचक और कल्पनात्मक कविता है, जो हमें दुनिया को एक छोटे जीव की नजर से देखने की कोशिश कराती है। इसमें एक मक्खी की दृष्टि से चीजों के आकार का वर्णन किया गया है।
"कितनी बड़ी दिखती होंगी" एक रोचक और कल्पनात्मक कविता है, जो हमें दुनिया को एक छोटे जीव की नजर से देखने की कोशिश कराती है। इसमें एक मक्खी की दृष्टि से चीजों के आकार का वर्णन किया गया है।
Web Stories- यह कविता एक रेलगाड़ी की यात्रा का रोमांचक और जीवंत चित्रण करती है। इसमें ट्रेन की गति, आवाज़ें और उसकी पूरी गतिविधि को मज़ेदार और लयबद्ध शब्दों के माध्यम से
यह कविता एक रेलगाड़ी की यात्रा का रोमांचक और जीवंत चित्रण करती है। इसमें ट्रेन की गति, आवाज़ें और उसकी पूरी गतिविधि को मज़ेदार और लयबद्ध शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया गया है।
शेर और चुहिया: यह कविता दया, मित्रता और परोपकार की सीख देती है। कहानी में शेर और चुहिया के बीच मज़ेदार संवाद होता है। चुहिया ग़लती से शेर को जगा देती है, जिससे वह नाराज़ हो जाता है।
कविता बच्चों की नटखट दुनिया और उनकी मासूमियत भरी शरारतों को दर्शाती है। यह कविता हमें बताती है कि बच्चों के संग बच्चा बनना कितना खुशनुमा और आनंददायक होता है।
यह कविता जंगल के जानवरों की एक खूबसूरत कहानी को दर्शाती है, जिसमें चूहे राजा अपनी शादी में पूरे जंगल को आमंत्रित करते हैं। चूहे राजा घोड़ी पर चढ़कर चूहिया दुल्हन को लाने जाते हैं।
यह कविता बच्चों को फलों की दुनिया से परिचित कराती है और उन्हें स्वस्थ भोजन खाने के लिए प्रेरित करती है। कविता की शुरुआत फल बाजार की एक रंगीन तस्वीर से होती है,